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Coronavirus Vaccine: कोरोना वायरस के लिए कब शुरू होगी पहली वैक्सीन ? WHO ने कही ये बात

By उस्मान | Updated: July 24, 2020 09:05 IST

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ठळक मुद्देकोरोना की पहली वैक्सीन का इस्तेमाल साल 2021 से पहले होना असंभव वैक्सीन की पहुंच सुनिश्चित करने में इतना समय तो लग ही जाएगाअब तक तीन अलग-अलग वैक्सीन परीक्षण के तीसरे स्तर पर पहुंच चुकी हैं

कोरोना वायरस का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। चीन से निकले इस खतरनाक वायरस से दुनियाभर में 15,651,911 लोग संक्रमित हो चुके हैं और 636,470 लोगों की मौत हो गई है। इस महामारी से सबसे ज्यादा अमेरिका प्रभावित हुआ है। यहां संक्रमितों की संख्या 4,169,991 हो गई और मरने वालों का आंकड़ा 147,333 हो गया है। इसके बाद ब्राजील और भारत में सबसे ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं।

साल 2021 में आएगा पहला टीका

कोरोना वायरस के इलाज के लिए दुनियाभर के वैज्ञानिक और डॉक्टर दिन-रात वैक्सीन बनाने में जुटे हैं। कई वैक्सीन का ट्रायल अंतिम चरण में है लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का कहना है कि कोरोना की पहली वैक्सीन का इस्तेमाल साल 2021 से पहले होना असंभव है। 

डब्ल्यूएचओ के आपातकालीन कार्यक्रमों के प्रमुख माइक रयान ने कहा,'कोरोना की वैक्सीन के मामले में हम अच्छी प्रगति कर रहे हैं और कई टीके अब तीसरे चरण के परीक्षणों में हैं और प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया उत्पन्न करने के लिए सुरक्षा या क्षमता के मामले में कोई भी विफल नहीं हुआ है। लेकिन यह अगले साल ही संभव होगा, जब हम लोगों को टीका लगाते हुए देखना शुरू करेंगे।

हालांकि उन्होंने कहा कि हम अगले साल यानी 2021 के शुरुआती महीनों से पहले लोगों के टीकाकरण की उम्मीद नहीं कर पा रहे हैं। क्योंकि सभी जरूरी प्रक्रियाओं के होने और सबतक इस वैक्सीन की पहुंच सुनिश्चित करने में इतना समय तो लग ही जाएगा। 

कई वैक्सीन का ट्रायल अंतिम चरण में

माइक ने कहा है कि वैक्सीन बनाने की दिशा में हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। अबतक तीन अलग-अलग वैक्सीन परीक्षण के तीसरे स्तर पर पहुंच चुकी हैं। यह उत्साहजनक बात है कि इनमें से किसी भी वैक्सीन का मानव शरीर पर कोई बड़ा साइड इफेक्ट या खतरा देखने को नहीं मिला है। यह एक बड़ी उपलब्धि की ओर बढ़ने के संकेत हैं।

 सही तरीके से हो वैक्सीन की उपलब्धता

उन्होंने कहा, 'हम इस बात का पूरा प्रयास कर रहे हैं कि वैक्सीन के वितरण में किसी तरह की दिक्कत ना हो। ताकि कोरोना महामारी का संक्रमण जल्द से जल्द रोका जा सके। कारण कि इस वायरस से संक्रमित नए मामले लगभग पूरी दुनिया से आ रहे हैं। ऐसे में जरूरी है कि जो भी वैक्सीन सबसे पहले तैयार होती है, उसकी सही तरीके से उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए। 

ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन है सबसे आगे

वर्तमान में तीन वैक्सीन अपने परीक्षण के अंतिम चरण में हैं। उनमें से एक ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन AZD1222 भी है। इस वैक्सीन ने अपने प्रारंभिक परीक्षण में सकारात्मक परिणाम दिखाया है। ब्रिटिश मेडिकल जर्नल, द लांसेट में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, इस वैक्सीन ने 18 से 55 वर्ष की आयु के लोगों में दोहरी प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया पैदा की।

ऑक्सफोर्ड की कोविड वैक्सीन को AZD1222 नाम से जाना जाता है। इसे ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और ब्रिटिश-स्वीडिश दवा कंपनी AstraZeneca Plc द्वारा विकसित किया गया है। ऑक्सफोर्ड COVID-19 वैक्सीन के बड़े पैमाने पर चरण III मानव परीक्षण पहले ही ब्राजील में शुरू हो चुका है।

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