शिक्षा में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले उच्च शिक्षण संस्थानों की केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने गुरुवार को नेशनल इंस्टीट्यूट रैंकिग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) सूची जारी की है। इसमें इंजीनियरिंग में आईआईटी मद्रास, मेडिकल में दिल्ली एम्स, प्रबंधन में आईआईएम अहमदाबाद और कॉलेजों में डीयू का मिरांडा हाउस को देश नंबर-वन संस्थान घोषित किया गया है। ओवरऑल रैंकिंग में आईआईटी मद्रास पहले, आईआईएस बेंगलूरू दूसरे, आईआईटी दिल्ली तीसरे और आईआईटी बाम्बे देश में चौथे नंबर पर है।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि यह बताते हुए हार्दिक प्रसन्नता हो रही है कि एनआईआरएफ में विशिष्ट मापदंडों में क्षेत्रीय विविधता, आउटरीच, महिलाओं और समाज के वंचित वर्गों का समावेश भी शामिल किया गया है। मैं समझता हूं कि सभी मापदंडों और उप-मापदंडों को सामान्य रूप से सामान्यीकृत किया गया है ताकि बड़े और पुराने संस्थानों को अनुचित लाभ न मिल सके।
जेएनयू दूसरे और बीएचयू तीसरे स्थान पर
एनआईआरएफ रैंकिंग के लिए 3771 संस्थानों ने अलग-अलग श्रेणी में 5805 आवेदन भरे थे। इन संस्थानों में 294 विश्वविद्यालय, 1071 इंजीनियरिंग संस्थान, 630 प्रबंधन संसथान, 334 फार्मेसी संस्थान, 97 लॉ संस्थान, 48 आर्किटेक्चर संस्थान और 1659 सामान्य डिग्री कॉलेज शामिल हैं। ओवरआल रैंकिंग में आईआईटी मद्रास ने पहला स्थान प्राप्त किया।
वहीं विश्वविद्यालयों की सूची में इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ साइंस (बेंगलुरु) ने पहला, जेएनयू ने दूसरा, बीएचयू ने तीसरा और पुणे की सावित्री बाई फूले यूनिवर्सिटी ने नौंवा स्थान हासिल किया। इंजीनियरिंग संस्थानों की सूची में भी आईआईटी मद्रास ने पहला, आईआईटी दिल्ली ने दूसरा और आईआईटी बॉम्बे ने तीसरा स्थान हासिल किया है।
लॉ संस्थानों में नेशनल लॉ स्कूल ऑफ़ इंडिया यूनिवर्सिटी पहले नंबर पर
फार्मेसी संस्थानों की सूची में दिल्ली का जामिया हमदर्द पहले और बॉम्बे का इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल चौथे स्थान पर है और मेडिकल संस्थानों की सूची में दिल्ली का एम्स पहले स्थान पर आया है। आर्किटेक्चर संस्थानों में आईआईटी खड़गपुर को पहला स्थान प्राप्त हुआ है, लॉ संस्थानों में नेशनल लॉ स्कूल ऑफ़ इंडिया यूनिवर्सिटी (बेंगलुरु) को पहला स्थान प्राप्त हुआ है और डेंटल संस्थानों में दिल्ली के मौलाना आज़ाद इंस्टिट्यूट ऑफ़ डेंटल साइंस को पहला और डा. डीवाई पाटिल विद्यापीठ पुणे तीसरे स्थान पर रहा है।
वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से जारी की गई रैंकिंग कार्यक्रम में केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री संजय धोत्रे, यूजीसी चेयरमैन प्रो. डीपी सिंह, एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रो अनिल सहस्रबुद्धे, एनबीए के अध्यक्ष प्रो केके अग्रवाल, एनबीए सचिव डा. अनिल कुमार नस्सा और उच्च शिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस रैंकिंग के पांचवे संस्करण में नौ श्रेणियों में 'डेंटल' डोमेन को भी जोड़ा गया है।
संस्थानों का मूल्यांकन पांच व्यापक मानकों शिक्षण, शिक्षण और संसाधन (टीएलआर), अनुसंधान और व्यावसायिक अभ्यास (आरपी), स्नातक परिणाम (जीओ), आउटरीच और विशिष्टता (ओआई) और धारणा (पीआर) के आधार पर किया गया है। इन पांच व्यापक मानकों में से प्रत्येक के लिए निर्धारित अंकों के आधार पर रैंक निर्धारित की गई है।
पोखरियाल ने कहा कि इस रैंकिंग से शैक्षिक संस्थानों को विभिन्न रैंकिंग मानकों पर अपने प्रदर्शन को बेहतर बनाने, अनुसंधान के क्षेत्र में कमियों को पहचाने तथा उन्हे सुधार में मदद करता है। रैंकिंग, उद्योगों और कॉर्पोरेटों को विभिन्न संस्थानों के विशिष्ट छात्रों को नियुक्त करने में भी मदद करती है। राष्ट्रीय स्तर पर संस्थानों की रैंकिंग, अंतर्राष्ट्रीय रैंकिंग में बेहतर प्रदर्शन एवं उच्च रैंक प्राप्त करने के लिए संस्थानों के बीच प्रतिस्पर्धा की भावना पैदा करती है।