नई दिल्लीः विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को बताया कि सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में एक संदिग्ध को अजरबैजान में और एक अन्य को केन्या में हिरासत में लिया गया है तथा भारत इन दोनों देशों के अधिकारियों के सम्पर्क में है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने साप्ताहिक प्रेस वार्ता में संवाददाताओं को यह जनकारी दी।
अभी उनके पास केवल इतनी जानकारी है। भविष्य में और जानकारी प्राप्त होने पर उसे मीडिया के साथ साझा किया जाएगा। ज्ञात हो कि मूसेवाला की 29 मई को पंजाब के मनसा जिले में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। 25 अगस्त को ही पुलिस ने मूसेवाला हत्याकांड में 1850 पन्नों का आरोपपत्र दायर किया था। आरोपपत्र में कुल 36 आरोपियों में से 24 के नाम दिए गए हैं।
पंजाब पुलिस ने मंगलवार को कहा था कि उसने गायक सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड के एक प्रमुख आरोपी का पता लगाया है, जो आजरबैजान में है। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव ने कहा कि आरोपी सचिन थापन बिश्नोई का पता लगाने में केंद्रीय एजेंसियों ने राज्य पुलिस की मदद की और उसे भारत वापस लाने के प्रयास जारी हैं।
मूसेवाला की हत्या से पहले सचिन और एक अन्य आरोपी गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का भाई अनमोल बिश्नोई फर्जी पासपोर्ट का इस्तेमाल करके देश छोड़कर भाग गये थे। डीजीपी ने कहा कि सचिन लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के एक अन्य सदस्य गोल्डी बराड़ के संपर्क में था, जिसने गायक की हत्या की जिम्मेदारी ली है।
उन्होंने कहा, "वह शुरू में दुबई भाग गया था। भारत सरकार और केंद्रीय एजेंसियों के समर्थन से, हमने पता लगाया है कि वह आजरबैजान में है। कानूनी प्रक्रिया चल रही है। हमें उम्मीद है कि उसे बहुत जल्द भारत लाया जाएगा।'' पंजाब पुलिस द्वारा दायर आरोप पत्र के अनुसार कनाडा में रहने वाला कुख्यात अपराधी गोल्डी बरार मशहूर पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या का मुख्य षड्यंत्रकर्ता था।
इस घटना को अंजाम देने के लिए गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और जग्गू भगवानपुरिया तथा कुछ अन्य लोगों की मदद ली थी। मूसेवाला जब अपने दोस्त और रिश्तेदारों के साथ एक जीप में सवार होकर मानसा के जवाहर के गांव जा रहे थे तभी छह लोगों ने उनका रास्ता रोका और उन पर गोलियां बरसा दीं।
आरोपपत्र के मुताबिक, बरार ने आरोपियों लॉरेंस बिश्नोई, जग्गू भगवानपुरिया, सचिन भिवानी, अनमोल बिश्नोई, सचिन थापन, मोनू डागर, पवन बिश्नोई और शूटरों के साथ तालमेल कर मूसेवाला को मारने की साजिश रची थी। उसने हथियार, पैसा, कार, फोन, सिमकार्ड और अन्य आरोपियों के ठहरने का बंदोबस्त किया था।
आरोप पत्र के अनुसार बरार ने विक्की मिड्डूखेड़ा की हत्या का बदला लेने के लिए मूसेवाला की हत्या की साजिश रची थी। युवा अकाली नेता मिड्डूखेड़ा की पिछले साल हत्या कर दी गयी थी। इस हत्या में मूसेवाला के प्रबंधक बताये जाने वाले शगनप्रीत सिंह का नाम आया था।