खूबसूरत हसीना बनकर भारतीय सैन्य अधिकारियों को फंसा रहे हैं पाकिस्तानी जासूस, फैलाया है जाल, जांच में आया सामने
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: June 17, 2024 12:43 PM2024-06-17T12:43:21+5:302024-06-17T12:44:59+5:30
आईएसआई के जासूसों ने खुद को सेजल कपूर, आरोही आलोक, अदिति आरोन, अदिति अग्रवाल, अनामिका शर्मा, दिव्या चंदन रॉय, नेहा शर्मा और पूजा रंजन जैसे भारतीय नामों से पेश किया।
नई दिल्ली: पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के जासूसों ने भारतीय रक्षा प्रतिष्ठानों में अधिकारियों को निशाना बनाने के लिए जाल फैलाया है। पाकिस्तान स्थित कई जासूस खुद को युवा भारतीय महिलाओं के रूप में पेश कर रहे हैं। ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड (बीएपीएल) की नागपुर इकाई के पूर्व वैज्ञानिक निशांत अग्रवाल की गिरफ्तारी और सजा के बाद अदालत के कागजात से कई जानकारियां सामने आई हैं। निशांत अग्रवाल को हाल ही में खुफिया सैन्य जानकारियों को लीक करने का दोषी ठहराया गया था।
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक आईएसआई के जासूसों ने खुद को सेजल कपूर, आरोही आलोक, अदिति आरोन, अदिति अग्रवाल, अनामिका शर्मा, दिव्या चंदन रॉय, नेहा शर्मा और पूजा रंजन जैसे भारतीय नामों से पेश किया। इसके लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया गया। ब्रह्मोस एयरोस्पेस के कर्मचारी निशांत अग्रवाल को उत्तर प्रदेश के आतंकवाद-रोधी दस्ते (यूपी-एटीएस) ने अक्टूबर 2018 में गिरफ्तार किया था। इस साल जून में, उन्हें नागपुर की एक अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इस जांच के दौरान कई चौंकाने वाली जानकारियां एजेंसियों के हाथ लगी।
टाइम्स नाऊ की रिपोर्ट के अनुसार ट्रायल के दौरान पता चला 'सेजल' नाम के फेसबुक अकाउंट से निशांत चैट करता था और धीरे-धीरे हनी ट्रैप में फंस गया। सेजल ने निशांत को अपना परिचय ब्रिटेन की एक कंपनी की हायरिंग मैनेजर के रूप में दिया था। निशांत ने पने प्रोफ़ाइल में उल्लेख किया था कि वह ब्रह्मोस एयरोस्पेस में एक वरिष्ठ सिस्टम इंजीनियर थे। दोनों ने लिंक्डइन पर भी बातचीत की। सेजल ने अग्रवाल से उसके द्वारा भेजे गए लिंक पर क्लिक करने के लिए कहा और तीन ऐप्स डाउनलोड कराए।
निशांत ने 2017 में अपने निजी लैपटॉप पर तीन ऐप - क्यूव्हिस्पर, चैट टू हायर और एक्स-ट्रस्ट - इंस्टॉल किए। ये ऐप्स मैलवेयर थे जिन्होंने अग्रवाल के लैपटॉप से डेटा चुराया था। अग्रवाल के लैपटॉप में क्लासीफाइड जानकारियां थीं। जांच में ये भी सामने आया कि पाकिस्तानी जासूस का लक्ष्य केवल अग्रवाल ही नहीं था बल्कि उसने अन्य रक्षा अधिकारियों से भी संपर्क करने की कोशिश की थी। उनमें से एक लखनऊ स्थित पूर्व IAF अधिकारी थे जिन्होंने सेजल के साथ रोमांटिक बातचीत की थी।
जांच से पता चला कि सेजल अमृतसर में एक अन्य पूर्व भारतीय वायुसेना कर्मचारी के संपर्क में थी और उसने अपना मोबाइल नंबर उसके साथ साझा किया था। अमृतसर के आईएएफ अधिकारी को भी कोई अपराध करते हुए नहीं पाया गया और इसलिए उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया।