Pune Porsche Crash: महाराष्ट्र के पुणे शहर की एक सड़क दुर्घटना एक हाई प्रोफाइल केस बन चुका है जबसे इसके आरोपी का खुलासा हुआ है। मशहूर बिजनेसमैन का नाबालिग लड़क जिसने पोर्श कार से दो लोगों की जान ले ली, उसे बचाने के लिए आरोपी का परिवार एड़ी-चोटी का जोर लगा रहा है। मामले में आए नए खुलासे ने इस दावे को पुख्ता कर दिया है। दरअसल, नाबालिग आरोपी को बचाने के लिए ससून जनरल अस्पताल के डॉक्टरों को रिश्वत दी गई थी। आरोपी के परिवार ने खून के नमूनों को बदलने के लिए करीब तीन लाख रुपये की रिश्वत दी थी जिससे आरोपी को बचाया जा सके।
हालांकि, पुलिस को इसकी भनक लग गई और उन्होंने अस्पताल कर्मचारियों को धर दबोचा। पुलिस ने ससून जनरल अस्पताल के एक चपरासी को गिरफ्तार किया है, जिसने कथित तौर पर दो वरिष्ठ डॉक्टरों के लिए ₹3 लाख की रिश्वत ली थी, जिन्होंने किशोर चालक के रक्त के नमूनों को दूसरे से बदल दिया था। व्यक्ति के नमूनों में अल्कोहल का कोई अंश नहीं मिला। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार को पुणे पुलिस की अपराध शाखा ने 3 लाख नकद बरामद किया।
इससे पहले सोमवार को, दो डॉक्टरों को पुणे पुलिस ने आरोपी किशोर चालक के रक्त के नमूनों में हेरफेर करने के आरोप में गिरफ्तार किया था, जिनकी पहचान ससून जनरल अस्पताल के फोरेंसिक मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉक्टर अजय तवारे और मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर श्रीहरि हल्नोर के रूप में हुई है। अस्पताल के चपरासी अतुल घाटकांबले, जो डॉक्टर अजय तवारे के अधीन काम करते हैं, को बाद में गिरफ्तार कर लिया गया।
उन्हें 30 मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। पुणे शहर के कल्याणी नगर इलाके में 19 मई की सुबह कथित तौर पर नाबालिग लड़के द्वारा चलाई जा रही तेज रफ्तार पोर्शे कार ने उनकी मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी, जिससे दो युवा आईटी पेशेवरों की मौत हो गई। पुलिस का दावा है कि दुर्घटना के समय 17 वर्षीय किशोर नशे में था।
पुणे पोर्श कार दुर्घटना में क्या-क्या हुआ?
1- पुणे पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि किशोर चालक के रक्त के नमूनों को कूड़ेदान में फेंक दिया गया और उसकी जगह किसी अन्य व्यक्ति के रक्त के नमूने ले लिए गए।
2- पुलिस और पीड़ित परिवार को संदेह है कि रईस परिवार का होने के कारण आरोपी नाबालिग को बचाया जा रहा है और उसकी जगह परिवार के ड्राइवर को फंसाने की चाल चली जा रही है।
3- न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी (लघु कारण) एए पांडे की अदालत ने डॉक्टर अजय तवारे, डॉक्टर श्रीहरि हलनोर और अतुल घाटकांबले को 30 मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया, हालांकि अभियोजन पक्ष ने 10 दिनों के लिए उनकी हिरासत की मांग की थी।
4- अभियोजन पक्ष ने कहा कि किशोर के पिता, विशाल अग्रवाल, जो एक रियाल्टार हैं, ने डॉक्टरों में से एक को बुलाया था और उनसे रक्त के नमूने बदलने के लिए कहा था। इसमें कहा गया है कि पुलिस यह जांच करना चाहती है कि नमूनों में हेरफेर करने के निर्देश और किसने दिए थे।
5- अमितेश कुमार ने कहा, "जांच में यह भी पता चला कि किशोर के पिता ने ही डॉ. अजय तवारे को फोन किया था और उन्हें रक्त के नमूने बदलने का प्रलोभन दिया था।"
6- पुणे पुलिस आयुक्त ने कहा कि रक्त के नमूने में हेरफेर का मामला तब सामने आया जब डीएनए नमूने के लिए लिया गया किशोर का एक और नमूना दूसरे अस्पताल में भेजा गया। पुलिस अब ससून जनरल हॉस्पिटल में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज और उसके डीवीआर को रिकवर कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि आरोपी डॉक्टरों से कौन मिलने आया था।
7- इससे पहले, पॉर्श दुर्घटना मामले में शामिल किशोर को किशोर न्याय बोर्ड ने जमानत दे दी थी, जिसने उसे सड़क दुर्घटनाओं पर 300 शब्दों का निबंध लिखने के लिए भी कहा था, लेकिन आक्रोश और पुलिस द्वारा समीक्षा आवेदन के बाद, उसे संप्रेक्षण गृह जेल 5 जून तक भेज दिया गया।
8- इससे पहले, रिपोर्टों में दावा किया गया था कि पुणे के किशोर का शराब के लिए नकारात्मक परीक्षण किया गया था। हालाँकि, उस रात वह जिन बारों में गया था उनमें से एक के सीसीटीवी कैमरे के फुटेज में कथित तौर पर उसे दोस्तों के साथ शराब पीते हुए दिखाया गया था।
9- पुणे पुलिस ने पोर्श दुर्घटना मामले में किशोर के खिलाफ दर्ज मूल अपराध में भारतीय दंड संहिता की धारा 201, 120-बी, 467, 213 और 214 जोड़ दी है।