मुंबई: महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) के प्रमुख विनीत अग्रवाल ने बृहस्पतिवार को कहा कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) को कानूनी मंच को छोड़कर किसी भी मंच पर फिर से इकट्ठा होने या विरोध करने का कोई अधिकार नहीं दिया जाएगा। उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत के दौरान कहा कि पीएफआई को प्रतिबंध के बाद भंग कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि संगठन पर बैन से पहले छापेमारी की गई थी।
उन्होंने संगठन के खिलाफ जारी कार्रवाई को लेकर बताया कि हम उनके डेटा को पुनर्प्राप्त करने के लिए उपकरणों का उपयोग कर रहे हैं, उन्होंने लोगों को घृणा अपराध करने के लिए प्रेरित करके 2047 तक इस्लामिक देश बनाने की योजना बनाई थी। लक्ष्य की पहचान करके लक्ष्य को मारना उनका काम था। हम उनके खातों को और फ्रीज कर देंगे।
महाराष्ट्र एटीएस प्रमुख ने कहा कि पीएफआई कई सालों से आतंकी गतिविधियों में शामिल था। लेकिन जांच एजेंसियों के पास कोई पुख्ता और ठोस सबूत नहीं थे। लिहाजा कई सालों से जाँच एजेंसियां सबूत इकट्ठा करने में जुटी रहीं। अब जब सारे सबूत मिले हैं तब जाकर उनपर बैन लगाया गया है।
उन्होंने साफ किया कि ये कार्रवाई किसी द्वेष भावना के तहत नहीं की गई है। इनकी 100 साल की लंबी प्लानिंग थी, जिसमें आजादी के जब 100 साल पूरे होंगे यानी 2047 तक, देश को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की योजना थी। हर 5 साल का एक एजेंडा तैयार किया था। लेकिन इनकी प्लानिंग और एक्जीक्यूशन के बीच मे ही इन्हें रोक लिया गया।
उन्होंने बताया कि पीएफआई पर 5 साल के बैन में यूएपीए को भी लगाया गया है, और इसके तहत इस संस्था से जुड़े संदिग्ध लोगों पर कार्रवाई होगी। ॉ