लाइव न्यूज़ :

निर्भया के दोषियों का हिसाब चुकता, चारों को एक साथ दी गई फांसी, मौत होने तक दरिंदे लटके रहे फंदे से

By गुणातीत ओझा | Published: March 20, 2020 5:41 AM

तिहाड़ जेल की फांसी कोठी में पवन जल्लाद ने दरिदों को फंदे से तब तक लटकाए रखा, जब तक चारों की जान नहीं निकल गई। फांसी की निगरानी कर रहे डॉक्टर ने चारों दोषियों के मरने की पुष्टि कर दी है। अंतिम समय में भी निर्भया के दोषी रहम की दरख्वास्त करते रहे, लेकिन अदालत ने अपना फैसला नहीं बदला।

Open in App
ठळक मुद्देनिर्भया गैंगरेप मर्डर केस के चारों दोषीयों को दी गई फांसी, तिहाड़ जेल में दरिंदों को लटकाया गया सूली परअंतिम समय तक दया की भीख मांगते रहे दोषियों पर किसी को नहीं आई तरस

नई दिल्लीः निर्भया सामुहिक बलात्कार और हत्या के मामले में दोषी मुकेश सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह को आज शुक्रवार की सुबह तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गई। तिहाड़ जेल की फांसी कोठी में पवन जल्लाद ने दरिदों को फंदे से तब तक लटकाए रखा, जब तक चारों की जान नहीं निकल गई। फांसी की निगरानी कर रहे डॉक्टर ने चारों दोषियों के मरने की पुष्टि कर दी है। अंतिम समय में भी निर्भया के दोषी रहम की दरख्वास्त करते रहे, लेकिन अदालत ने अपना फैसला नहीं बदला। भारतीय समय के अनुसार चारों दोषियों को शुक्रवार की सुबह साढ़े पांच बजे सूली से लटकाया गया। डॉक्टरों की टीम की देखरेख में पवन जल्लाद ने एसडीएम का इशारा होते ही फांसी का लीवर खींच दिया और कुछ ही देर में चारों की सांसें थम गईं। डॉक्टर के चारों दोषियों की मौत पर मुहर लगाने के बाद उनके शव फंदे से उतारे गए। अधिकारी ने बताया कि चारों दोषियों के शव करीब आधे घंटे तक फंदे पर झूलते रहे। जेल के महानिदेशक संदीप गोयल ने बताया ‘‘डॉक्टर ने जांच की और चारों को मृत घोषित कर दिया ।’’ फांसी की खबर मिलने के तुरंत बाद निर्भया की मां ने कहा, आज उनकी बेटी को इंसाफ मिल गया।

दरिंदों पर किसी को नहीं आई तरस

16 दिसंबर 2012 की रात दिल्ली में चलती बस में पैरामेडिकल की छात्रा निर्भया के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ था। इस दौरान दोषियों ने इतनी दरिंदगी की थी कि निर्भया की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। इस मामले में निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक से चारों दोषियों मुकेश, विनय, पवन और अक्षय को फांसी की सजा सुनाई गई। चारों दोषियों के सभी कानूनी विकल्प समाप्त हो चुके थे और राष्ट्रपति भी उनकी दया याचिका खारिज कर दी थी। निचली अदालत ने चारों दोषियों को एक साथ फांसी देने के लिए 20 मार्च की सुबह 5.30 बजे का वक्त तय कर रखा था।

दया के लिए दर-दर भटकते रहे दरिंदे

मौत की तारीख नजदीक आती देख दोषी अलग-अलग जगह नई-नई अर्जियां दाखिल कर रहे थे। दोषी मुकेश ने अपनी पुरानी वकील पर धोखा देने का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। याचिका में उसने कहा था कि पुरानी वकील ने उसे कोर्ट के आदेश का भय दिखाकर उससे कागजों पर हस्ताक्षर करा लिए थे। इसके बाद दोषी ने सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका दाखिल की थी। इसके अलावा राष्ट्रपति के सामने भी दया की भीख मांगी थी। दोनों जगहों से उसकी याचिका खारिज कर दी गई थी। मुकेश का कहना था कि उसके पास क्यूरेटिव याचिका दाखिल करने के लिए तीन साल का समय था, फिर भी उसकी वकील ने सबसे पहले उसकी क्यूरेटिव याचिका दाखिल कर दी थी। वहीं, दोषी पवन गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल किया था। उसने  दलील दी थी कि जब अपराध हुआ, उस समय वह नाबालिग था।

16 दिसंबर 2012: जब पार हुई थी हैवानियत की हद

निर्भया के दोषी मुकेश, विनय और अक्षय और पवन को आज फांसी दे दी गई। 16 दिसंबर 2012 की रात इन दरिदों ने हैवानियत की सारी हदें पार कर दी थीं।  दिल्ली के मुनिरका में निर्भया के साथ दरिंदगी हुई थी। निर्भया अपने एक दोस्त के साथ साकेत स्थित सेलेक्ट सिटी मॉल में 'लाइफ ऑफ पाई' मूवी देखने गई थी। मूवी देखने के बाद दोनों ने ऑटो लिया था। दोनों को इस बात का अंजादा नहीं था कि उनका जिंदगी का सबसे बुरा वक्त शुरू हो चुका है। जब निर्भया और उसका दोस्त ऑटो में सवार हुए, तब रात के करीब 8 बज रहे थे। निर्भया के दोस्त ने बताया था कि हमने पहले घर के लिए ऑटो से जाने का फैसला किया था, ऑटो वाले जाने को राजी नहीं हुए तो मुनिरका तक ऑटो कर लिया। दोनों मुनिरका के बस स्टैंड पर उतरे। उस समय रात के करीब 8:30 बज रहे थे। वहां एक सफेद रंग की बस पहले से खड़ी थी। दोस्त ने बताया कि बस में 6 लोग मौजूद थे और कह रहे थे कि काफी सवारी आने वाली है। दोनों बस में बैठ गए। बस थोड़ी दूर पहुंची तो निर्भया के दोस्त को शक हुआ था कि कुछ सही नहीं चल रहा है। 20 रुपये किराया दिया था। बस थोड़ी और आगे चली तो दोषियों ने बस का गेट बंद कर दिया और 3 लोग सीट पर आए और निर्भया के दोस्त को मारने लगे। मारने के लिए तीन रॉड का इस्तेमाल किया। कोई सिर पर मार रहा था, कोई पीठ पर तो कोई हाथों पर। दोषी निर्भया को खींच कर पीछे ले गए और उसके साथ रेप किया। इसके बाद दोषियों ने दोस्त और निर्भया को झाड़ में फेंक दिया था। दोनों पर बस चढ़ाने की कोशिश भी की थी। पुलिस ने दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया था।

निर्भया ने सिंगापुर में ली थी आखिरी सांस

दरिंदगी की इस घटना ने देशभर में आंदोलन की आग फैला दी थी। पूरा देश बलात्कारियों के लिए फांसी की मांग करने लगा था संसद में इसे लेकर जमकर हंगाम हुआ था इस बीच पीड़ित लड़की की हालत नाजुक होती जा रही थी। उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था। निर्भया की हालत संभल नहीं रही थी। उसे सिंगापुर के माउन्ट एलिजाबेथ अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 29 दिसंबर को निर्भया ने रात के करीब सवा दो बजे वहां दम तोड़ दिया था।

एक दरिंदे ने तिहाड़ जेल में कर ली थी आत्महत्या

मामले की सुनवाई के बीच 11 मार्च, 2013 को आरोपी बस चालक राम सिंह ने तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी। राम सिंह के परिवार वालों और उसके वकील का मानना है कि जेल में उसकी हत्या की गई थी।

टॅग्स :निर्भया केसनिर्भया गैंगरेपदिल्ली गैंगरेपदिल्लीदिल्ली क्राइम
Open in App

संबंधित खबरें

भारतDelhi excise policy case: के कविता की हिरासत 26 मार्च तक बढ़ी, बीआरएस नेता अपनी गिरफ्तारी को बताया अवैध

भारतDELHI News: ‘हिन्दी पाठक को क्या पसन्द है’ विषय पर परिचर्चा, लेखक जो लिखे उस पर वह भरोसा कर सके...

भारतSanjay Nirupam On Arvind Kejriwal: 'केजरीवाल मुख्यमंत्री के पद से चिपके हुए हैं', कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने कहा, 'तत्काल इस्तीफ़ा देना चाहिए'

भारतED Raids MLA Gulab Singh Yadav: 'केजरीवाल की मुश्किल दोगुनी', गुजरात के प्रभारी के घर ईडी ने मारा छापा

भारतDelhi Excise Policy Case: अदालत ने सीएम अरविंद केजरीवाल को 28 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेजा

क्राइम अलर्ट अधिक खबरें

क्राइम अलर्टउत्तर प्रदेश: बाप की हत्या के लिए बेटे ने तीन शूटरों को दी सुपारी, नाबालिग ने ऐसे रची पिता के मौत की साजिश

क्राइम अलर्टDungarpur Crime News: दो दिनों से पिता को कोई नहीं देखा, पुत्र ने तीखी बहस पर ले जी जान, सिर पर धारदार हथियार से हमला किया और शव को घर में दफनाया

क्राइम अलर्टSangrur poisonous liquor: संगरूर में जहरीली शराब पीने से अब तक 20 की मौत, एडीजीपी रैंक के अधिकारी के नेतृत्व में चार सदस्यीय एसआईटी का गठन, जानें

क्राइम अलर्टमहाराष्ट्र: वरिष्ठ नागरिकों के लिए मुंबई सबसे असुरक्षित जगह, NCRB रिपोर्ट का खुलासा

क्राइम अलर्टBudaun Double Murder Case Update: दूसरा आरोपी जावेद कोर्ट में पेश, पुलिस ने कहा- हिरासत चाहिए, कई अहम सवाल पूछना बाकी