Delhi Excise Policy Case: अदालत ने सीएम अरविंद केजरीवाल को 28 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेजा
By रुस्तम राणा | Published: March 22, 2024 08:36 PM2024-03-22T20:36:20+5:302024-03-22T20:53:26+5:30
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।
नई दिल्ली:दिल्ली की अदालत ने उत्पाद शुल्क नीति मामले में सीएम अरविंद केजरीवाल को 28 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। हालांकि प्रवर्तन निदेशालय ने अदालत से उनकी 10 दिनों की हिरासत मांगी थी। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुनवाई के दौरान जांच एजेंसी ने अदालत को बताया कि केजरीवाल दिल्ली शराब नीति घोटाले के सरगना और मुख्य साजिशकर्ता हैं। केजरीवाल अब 6 दिनों तक ईडी की रिमांड पर रहेंगे और 28 मार्च को दोपहर 2 बजे उनकी कोर्ट में पेशी होगी।
कोर्ट में सुनवाई के दौरान ईडी ने कहा कि केजरीवाल शराब घोटाले के सरगना हैं और 2022 में गोवा चुनाव अभियान से पैसे के लेन-देन का पता चला है। मुख्यमंत्री ने शराब नीति के हितधारकों से अनुचित लाभ का वादा करके भारी रिश्वत मांगी और उस पैसे का इस्तेमाल पंजाब में किया गया। अरविंद केजरीवाल की ओर से पेश होते हुए वरिष्ठ वकील और कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि रिमांड मानक नहीं होना चाहिए और इस पर गौर किया जाना चाहिए कि क्या केजरीवाल की हिरासत की जरूरत है।
Delhi court remands CM Arvind Kejriwal on judicial custody till 28 March in excise policy case. pic.twitter.com/BT4vHApO4o
— ANI (@ANI) March 22, 2024
ईडी ने कहा कि मामले में बिचौलिए के रूप में काम करने वाला विजय नायर सीएम के आवास के पास रह रहा था और वे मिलकर काम कर रहे थे। जांच एजेंसी ने कहा, के कविता के प्रतिनिधित्व वाले दक्षिण कार्टेल ने केजरीवाल को 100 करोड़ रुपये की रिश्वत दी थी, जिसका इस्तेमाल आप ने गोवा चुनाव में किया था। केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि ईडी के पास गिरफ्तारी का कोई आधार नहीं है और उन्होंने जो आधार पेश किया है वह पूछताछ का आधार हो सकता है।
उन्होंने कहा कि ईडी ने उन लोगों के आधार पर गिरफ्तारी का आधार बनाया है जो सरकारी गवाह बन गए हैं। सिंघवी ने कहा, "जो लोग सरकारी गवाह बन जाते हैं, उन्हें पीठ दर्द हो जाता है और पीठ दर्द होने पर अदालत जमानत का विरोध नहीं करती है। यह नया फॉर्मूला है जिसे मैं देख रहा हूं।" उन्होंने कहा, ईडी द्वारा पूछताछ किए गए 80% लोगों ने अरविंद केजरीवाल का नाम नहीं लिया।