पटना, 08 अगस्तः बिहार के मुजफ्फरपुर के चर्चित बालिका अल्पवास गृह यौन उत्पीड़न कांड के मास्टरमाइंड ब्रजेश ठाकुर सहित 10 आरोपियों की बुधवार को विशेष पॉक्सो कोर्ट में नियमित पेशी हुई। पेशी पर जाते समय ब्रजेश ठाकुर ने संवाददातओं से बातचीत की, जिसमें उन्होंने बालिका गृह की कर्ता-धर्ता मधु से किसी भी प्रकार के संबंध से इनकार किया है। साथ ही साथ उन्होंने कुछ अखबारों पर आरोप लगाए हैं कि वे उनके बिजनेस को बंद करवाना चाहते हैं।
ब्रिजेश ठाकुर ने पेशी पर जाते हुए कहा, 'मेरे मधु के साथ कोई भी संबंध नहीं रहे हैं। यह कुछ समाचार पत्रों द्वारा प्रचारित किया गया है जो मेरे अखबार कार्यालय को बंद करना चाहते हैं। मेरे समाचार पत्र की वजह से उनका बिजनेस प्रभावित हो रहा है, जिसकी वजह से यह सब हो रहा है।'
हालांकि सीबीआई की टीम ने फिलहाल बालिका गृह को खोलकर जांच नहीं की। मजिस्ट्रेट की निगरानी में सीबीआई की टीम जल्द ही बालिका गृह के कमरों को खोलकर जांच करेगी। इसके लिए प्रक्रिया पूरी की जा रही है। वहीं, मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर द्वारा संचालित कई एनजीओ का पता चलने के बाद सरकार ने तत्काल प्रभाव से सभी बाल गृह और वद्धाश्रमों के फंड को रोक दिया था।
उल्लेखनीय है कि बालिका गृह यौन शोषण मामला तब प्रकाश में आया, जब टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंस (टिस) की ऑडिट रिपोर्ट सामने आई। टिस ने 7 महीनों तक 38 जिलों के 110 संस्थानों का सर्वेक्षण किया। इस सर्वेक्षण में एक और चौंकाने वाला तथ्य यह है कि शोषण की शिकार हुई सभी बच्चियां 18 साल से कम उम्र की हैं। इनमें भी ज्यादातर की उम्र 13 से 14 साल के बीच है। इस रिपोर्ट से साफ पता चलता है कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह में हुए यौन उत्पीड़न में बाल कल्याण समिति के सदस्य और संगठन के प्रमुख भी बच्चियों के शोषण में शामिल थे।देश-दुनिया की ताज़ा खबरों के लिए यहाँ क्लिक करे. यूट्यूब चैनल यहाँ सब्सक्राइब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट।