चेन्नई: मदुरै विशेष अदालत ने साल 2015 में हुए सलीम गोकुलराज हत्याकांड में युवराज सहित 17 में से 10 आरोपियों को दोषी ठहराया है, जबकि पांच आरोपित बरी हो गए हैं। वहीं, दो की मौत हो गई है। इंजीनियरिंग ग्रेजुएट गोकुल राज का शव 24 जून 2015 को तिरुचेंगोडे में एक रेलवे ट्रैक पर मिला था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गोकुल राज कथित तौर पर एक हिंदू जाति की लड़की से प्यार करता था। ऐसे में प्रेम-प्रसंग की वजह से उसकी हत्या कर दी गई थी।
इस तरह की ऑनर किलिंग के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग को लेकर दलित संगठनों ने इस हत्याकांड का व्यापक विरोध किया था। जांच के बाद पुलिस ने हत्या के मास्टरमाइंड के आरोप में युवराज सहित 17 लोगों को गिरफ्तार किया था। डीटी नेक्स्ट की रिपोर्ट के अनुसार, गोकुलराज हत्याकांड की जांच करने वाली नामक्कल जिले के तिरुचेनगोड संभाग की तत्कालीन डिप्टी एसपी विष्णुप्रिया 18 सितंबर 2015 को अपने क्वार्टर में लटकी हुई पाई गई थी। उन्होंने कथित तौर पर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के दबाव का सामना करने में असमर्थ होकर यह चरम कदम उठाया था।
इसके बाद सलीम गोकुलराज हत्याकांड सीबी-सीआईडी को स्थानांतरित कर दिया गया। वहीं, इस मामले को लेकर सूत्रों ने बताया कि शुरुआत में मामले की सुनवाई नमकाल पीडीजे अदालत में हुई, जहां 72 गवाहों से पूछताछ की गई और मई 2019 में मदुरै की विशेष अदालत में स्थानांतरित कर दिया गया।