Lucknow: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जहां 30 सालों से ज्यादा पुरानी रंजिश के कारण एक एएसआई पर जानलेवा हमला हुआ। बताया जा रहा है कि लखनऊ के हजरतगंज में एक सीबीआई अधिकारी को उस समय महंगा पड़ गया, जब दिनदहाड़े लोहे की नोक वाला पारंपरिक तीर उनके सीने में घुस गया। यह घटना लखनऊ के सबसे व्यस्त इलाकों में से एक हजरतगंज के नवल किशोर रोड पर हुई, जहां सीबीआई का दफ्तर है।
दरअसल, हमलावर और अधिकारी के बीच 1993 पुरानी रंजिश सामने आई। आरोपी की पहचान बिहार के मुंगेर जिले के खडगपुर के पूर्व रेलवे कर्मचारी 45 वर्षीय दिनेश मुर्मू के रूप में हुई, जिसे वहां मौजूद लोगों ने तुरंत पकड़ लिया और पुलिस को सौंप दिया।
जानकारी के अनुसार, अब 65 वर्षीय मुर्मू सिंह के खिलाफ रंजिश रखते थे, जिन्होंने 1993 में सीबीआई के नेतृत्व वाले रेलवे जाल मामले की जांच का नेतृत्व किया था, जिसके कारण मुर्मू को तीन दशक पहले अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा था।
कथित तौर पर आदिवासी समुदाय से आने वाले मुर्मू भारतीय रेलवे में जूनियर कर्मचारी के तौर पर काम करते थे, लेकिन नौकरी से निकाले जाने के बाद वे अपने गांव लौट आए और मुश्किलों में जीवन गुजारा। शुरुआती पूछताछ में पता चला कि उन्होंने हमले की तैयारी में महीनों बिताए और हो सकता है कि उन्होंने अलग-अलग जंगली इलाकों में हथियार चलाने का अभ्यास भी किया हो।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, एक व्यक्ति पेड़ के पीछे से निकला और लकड़ी के धनुष पर लोहे की नोक वाला तीर लगाया और सीधे सीबीआई के एएसआई वीरेंद्र सिंह पर छोड़ा, जिससे उनका सीना छेद गया और वे जमीन पर गिर गए।
पुलिस के मुताबिक, हमलावर ने हाथ से बने लकड़ी के धनुष और नुकीले धातु के तीर का इस्तेमाल किया, जो कथित तौर पर हमले के लिए खास तौर पर तैयार किए गए थे। वह सीबीआई गेट के पास एक पेड़ के पीछे इंतजार कर रहा था, ताकि हमले को अधिकतम प्रभाव के लिए समय दिया जा सके, जबकि सिंह कुछ पल के लिए अकेले खड़े रहे। सिंह को सीने के बाएं हिस्से में पांच सेंटीमीटर के घाव के साथ लखनऊ के सिविल अस्पताल ले जाया गया।
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ राजेश श्रीवास्तव ने पुष्टि की कि सिंह की हालत स्थिर है और उन्हें लगातार निगरानी में रखा जा रहा है। उन्होंने कहा, "अगर तीर थोड़ा सा दाईं ओर लगा होता, तो यह किसी बड़ी धमनी या दिल को भी छेद सकता था।"
सीबीआई अधिकारी इस बात की भी समीक्षा कर रहे हैं कि क्या सिंह को हाल के महीनों में कोई धमकी मिली थी या हमले से पहले निगरानी के संकेत मिले थे।
इस बीच, मुर्मू पर हत्या के प्रयास और लोक सेवक पर हमला करने का मामला दर्ज किया गया है, साथ ही उन पर शस्त्र अधिनियम और अन्य संबंधित धाराओं के तहत भी आरोप लगाए जाने की संभावना है।