जयपुरः कृष्णा कुंज वेलफेयर सोसाइटी, कालवाड़ रोड, जयपुर में चल रही चुनावी प्रक्रिया में एक नया मोड़ आ गया है। सोसाइटी में चुनाव को लेकर हंगामा और विवाद के बाद कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लिया है और संबंधित पक्षों को तलब किया है। इस बीच, निवासियों ने रजिस्ट्रार और जयपुर विकास प्राधिकरण (JDA) की निष्क्रियता पर नाराजगी जाहिर की है।
क्या है पूरा मामला?
सोसाइटी की वार्षिक आमसभा में, दिनांक 28 अप्रैल 2024 को, नई कार्यकारिणी सत्र 2024-26 के चुनाव हेतु मतदान तिथि 26 मई 2024 तय की गई थी। सोसाइटी की कार्यवाहक कार्यकारिणी द्वारा नियुक्त तीन चुनाव अधिकारियों ने 20 मई 2024 को निर्वाचन हेतु प्रत्याशियों की सूची जारी की थी।
विवाद कैसे शुरू हुआ?
सोसाइटी के कुछ सदस्यों ने चुनाव अधिकारियों पर आरोप लगाया कि उन्होंने नामांकन पत्रों की जांच में सोसाइटी सदस्यता के महत्वपूर्ण बिंदु की अनदेखी की और कई अभ्यर्थियों को गलत तरीके से वैध घोषित कर दिया। इसके चलते सोसाइटी के 13 सदस्यों, जिनमें कुछ प्रत्याशी भी शामिल थे, ने वकील के माध्यम से तीनों चुनाव अधिकारियों को लीगल नोटिस जारी कर सोसाइटी की सदस्यता नहीं रखने वाले निर्वाचन अभ्यर्थियों के नामांकन-पत्र खारिज करने और नियमानुसार चुनाव करवाए जाने का आग्रह किया।
चुनाव स्थगित और नए विवाद
चुनाव अधिकारियों ने शिकायतकर्ताओं की मीटिंग बुलाकर उन पर दबाव बनाने की कोशिश की कि वे अपनी शिकायत वापस ले लें। शिकायतकर्ताओं द्वारा मना किए जाने पर, मतदान तिथि से एक दिन पूर्व, 25 मई 2024 को चुनाव ही स्थगित कर दिया गया। इससे निवासियों में और अधिक नाराजगी फैल गई। निवासियों का आरोप है कि चुनाव प्रक्रिया को जानबूझकर बाधित किया गया ताकि वर्तमान पदाधिकारी अपने पदों पर बने रह सकें।
कोर्ट का संज्ञान
इस विवाद के बीच, माननीय न्यायालय ने इस मामले में अध्यक्ष, सचिव व तीनों चुनाव अधिकारियों को सम्मन देकर 6 जुलाई 2024 को अदालत में तलब किया है। इसके अलावा, सक्षम अधिकारी श्रीमान उपायुक्त जोन -7, जविप्रा ने भी आगामी आदेशों तक चुनावी प्रक्रिया को स्थगित करने का आदेश जारी किया है।
निवासियों का गुस्सा और मांग
सोसाइटी के निवासियों ने रजिस्ट्रार और JDA की निष्क्रियता पर नाराजगी जाहिर की है। निवासियों का कहना है कि रजिस्ट्रार और JDA ने समय रहते उचित कार्रवाई नहीं की, जिससे स्थिति और भी खराब हो गई है। निवासियों ने अधिकारियों से तुरंत हस्तक्षेप करने और निष्पक्ष चुनाव कराने की मांग की है।
आगे की राह
कृष्णा कुंज वेलफेयर सोसाइटी में चुनावी प्रक्रिया अब अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गई है। मिलीभगत के आरोप, वित्तीय अनियमितताएं और मुख्य चुनाव अधिकारी का इस्तीफा इस पूरी प्रक्रिया को और भी जटिल बना रहे हैं। कोर्ट के आदेश का इंतजार अब सभी सदस्यों के लिए महत्वपूर्ण होगा ताकि इस विवाद का समाधान हो सके और सोसाइटी में शांति और निष्पक्षता की स्थापना हो सके। सोसाइटी के निवासियों की उम्मीदें अब न्यायालय और प्रशासन पर टिकी हैं कि वे जल्द से जल्द इस विवाद को सुलझाएं और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करें।