कानपुर शूटआउट केस में उत्तर प्रदेश पुलिस को एक और बड़ी सफलता हाथ लगी है। बिकरू कांड के मुख्य आरोपी गैंगस्टर विकास दुबे के करीबी जयकांत वाजपेयी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही उसके साथी प्रशांत शुक्ला को गिरफ्तार किया गया है। इन दोनों के खिलाफ आईपीसी की कई धाराओं में एफआईआर भी दर्ज किया गया है।
ऐसे आरोप है कि जयकांत वाजपेयी उर्फ जय वाजपेयी ही मुख्य तौर पर विकास दुबे के पैसों का हिसाब रखता था। ऐसे में जय की गिरफ्तारी से विकास दुबे की काली कमाई के कई राज खुल सकते हैं।
जयकांत वाजपेयी को कानपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। कानपुर पुलिस के अनुसार बिकरू कांड में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में वाजपेयी और प्रशांत शुक्ला भी शामिल थे। दोनों ने विकास दुबे की तब मदद की थी। बताया जा रहा कि 1 जुलाई को विकास दुबे ने जय वाजपेयी को फोन किया था और पिर 2 जुलाई को जय और प्रशांत बिकरू गांव पहुंचे थे।
कानपुर पुलिस के अनुसार 2 जुलाई को जय वाजपेयी ने विकास दुबे को 2 लाख रुपये और कारतूस दिए थे। साथ ही घटना के बाद विकास दुबे और उसके गैंग को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिए तीन लग्जरी गाड़ियों की व्यवस्था भी की गई थी।
ईडी कर रही है विकास दुबे की संपत्तियों की जांच
विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद अब उसकी काली कमाई की जांच भी शुरू है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) इस मामले में सक्रिय हो गया है। कहा जाता है कि जय वाजपेयी के ही कहने पर विकास दुबे ने कानपुर से लेकर बैंकॉक तक कई जगहों पर निवेश किये थे।
जयकांत वाजपेयी साथ ही विकास दुबे के विवादित जमीनों को खरीदने, हड़पने में भी साथ देता था। विकास दुबे की कमाई को मैनेज करते-करते जयकांत भी अकूत संपत्ति का मालिक बन चुका है। उसके नाम लखनऊ और कानपुर में कई संपत्तियां हैं।यही नहीं, जयकांत और विकास ने उत्तराखंड, मुंबई, नोएडा में दो दर्जन से ज्यादा प्लॉट और मकान खरीदे थे।