लखनऊ, 12 अप्रैल: उन्नाव गैंगरेप केस में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की है। इसके साथ ही पहले मामले की जांच के लिए गठित स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) की रिपोर्ट के आधार पर प्रदेश सरकार द्वारा आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर व अन्य के खिलाफ गैंगरेप का मामला दर्ज करने के आदेश दिए हैं।इलाहाबाद हाईकोर्ट में भी आज उन्नाव गैंगरेप मामले में सुनवाई होगी। हाईकोर्ट ने बुधवार को स्वत: संज्ञान लेते हुए पूरे मामले पर राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी थी। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दाखिल की गई है। विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है।
इतना ही नहीं पीड़िता के पिता के इलाज में लापरवाही बरतने वाले जिला अस्पताल के दो इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर डॉ डीके द्विवेदी और डॉ प्रशांत उपाध्याय और सीओ सफीपुर कुंवर बहादुर सिंह को सस्पेंड कर दिया गया है। जिला अस्पताल के आर्थो सर्जन डॉ मनोज कुमार, सर्जन डॉ जीपी सचान और ईएमओ डॉ गौरव अग्रवाल के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
इसके अलावा क्षेत्राधिकारी सफीपुर कुंवर बहादुर सिंह को भी सस्पेंड किय गया है। फीपुर कुंवर बहादुर सिंह को पीड़िता द्वारा बार-बार शिकायत किए जाने के बाद भी मामले की जांच और कार्रवाई में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया गया है। पीड़िता के पिता के मौत को देखते हुए यूपी सरकार ने पीड़िता के परिवार को हर संभव सुरक्षा मुहैया कराने के भी आदेश दिये हैं। कहा गया है कि पीड़िता के घरवालों की सुरक्षा बढ़ाई जाए।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के बाद स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) की पहली रिपोर्ट सामने आने के बाद बुधवार देर रात आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर एसएसपी ऑफिस पहुंचे। लेकिन वह वहां से बिना सरेंडर किए ही वापस लौट गए थे। एसआईटी की रिपोर्ट में पीड़िता के पिता के मौत पर लापरवाही की बात बताई गई थी।
पीड़िता के पिता की हत्या के आरोप में विधायक कुलदीप सेंगर के भाई अतुल सेंगर को गिरफ्तार कर लिया गया था। इस मामले में चार लोगों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।