15 दिसंबर को जामिया की घटना को लेकर छात्र द्वारा दिल्ली HC में दायर याचिका पर आज सुनवाई हुई। इस मामले में हाई कोर्ट ने नरेंद्र मोदी सरकार , दिल्ली पुलिस व दिल्ली के अरविंद केजरीवाल सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
दरअसल, एक छात्र शाययान मुजीब की याचिका पर उसकी चोटों के लिए 2 करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग की गई थीं। उन्होंने कहा कि वह पुस्तकालय में बैठे थे, इसी दौरान पुलिस ने वहां पहुंचकर उनकी पिटाई कर दी जिसके बाद उसने करीब 2.5 लाख रुपये खर्च किए क्योंकि उनके दोनों पैर फ्रैक्चर हो गए थे।
बता दें कि जामिया व शाहीन बाग में 15 दिसंबर के बाद शुरू हुए प्रदर्शन को लेकर चुनाव आयोग ने दक्षिणपूर्व दिल्ली के डीसीपी चिन्मय बिस्वाल को रविवार को तत्काल प्रभाव से हटा दिया था। आयोग ने इलाके की मौजूदा स्थिति का जिक्र करते हुए यह कदम उठाया था।
उल्लेखनीय है कि इलाके के शाहीन बाग और जामिया नगर में इस हफ्ते गोलीबारी की घटनाएं हुई थी। आयोग ने अतिरिक्त डीसीपी (दक्षिणपूर्व) कुमार ज्ञानेश को इलाके का प्रभार संभालने का निर्देश दिया ।
चुनाव आयोग के प्रवक्ता ने कहा था कि चुनाव आयोग के फैसले के मुताबिक यह अवगत कराया जाता है कि चिन्मय बिस्वाल आईपीएस (2008), डीसीपी (दक्षिणपूर्व) अपने मौजूदा पद से तत्काल प्रभाव कार्यमुक्त समझे जाएं और केंद्रीय गृह मंत्रालय को रिपोर्ट करें।
उन्होंने कहा था कि मौजूदा स्थिति के मद्देनजर, आयोग निर्देश देता है कि कुमार ज्ञानेश, दानिप्स (1997), चिन्मय बिस्वाल आईपीएस से फौरन डीसीपी (दक्षिणपूर्व) का प्रभार अपने हाथों में लें।