Cryptocurrency: भारत में लाखों लोग WazirX को एक भरोसेमंद क्रिप्टो एक्सचेंज मानते थे, जहां वे अपनी डिजिटल संपत्ति सुरक्षित रख सकते थे। लेकिन 18 जुलाई 2024 को WazirX पर हुए साइबर हमले ने इस विश्वास को चूर-चूर कर दिया। इस हमले में हैकर्स ने WazirX से लगभग 2000 करोड़ रुपए की डिजिटल संपत्ति चुराई थी। इस घटना से भारत के क्रिप्टो समुदाय को न केवल गहरा सदमा लगा, अपितु इससे हमारे डिजिटल निवेश की सुरक्षा को लेकर कई गंभीर सवाल भी उठते हैं। सोचिए, लाखों का निवेश करने के बाद आप अपना क्रिप्टो वॉलेट खोलते हैं और आपका पैसा वहाँ से गायब होता है।
यही हाल हजारों WazirX यूज़र्स का था। हैकर्स ने एक्सचेंज की सुरक्षा प्रणाली को तोड़कर वह फंड्स चुराए, जिनकी सुरक्षा के लिए कई विशेष तकनीकी उपाय किए जाने चाहिए थे। हैकर्स ने एक्सचेंज की सुरक्षा व्यवस्थाओं, जैसे कि मल्टीसिग्नेचर वॉलेट्स और स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स में कुछ कमियों का फायदा उठाया। तकनीकी और प्रबंधन के तरीके हैं जो आमतौर पर फंड्स को सुरक्षित रखने के लिए प्रयोग होते हैं।
अधिकारियों का कहना है कि इस हमले के पीछे उत्तर कोरिया का Lazarus Group था, जो पहले भी कई देशों में क्रिप्टो एक्सचेंजों को अपना निशाना बना चुका है। 2024 में इस समूह ने $659 मिलियन से ज्यादा की डिजिटल संपत्ति चुराई, जिसमें WazirX से चुराया गया $235 मिलियन भी शामिल है।
ये हैकर्स क्रिप्टो मिक्सर्स और क्रॉस-चेन ब्रिजेस जैसी तकनीकों का इस्तेमाल करते हैं जो चुराए गए पैसों को ट्रैक करना बेहद कठिन बना देते हैं। अगर भारत का सबसे बड़ा क्रिप्टो एक्सचेंज इस तरह से हैक हो सकता है, तो इसका मतलब यह है कि कोई भी प्लेटफार्म पूरी तरह से सुरक्षित नहीं है।
भारत में जहां बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान, भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) और भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के साइबर सुरक्षा के कड़े नियमों का पालन करते हुए सुरक्षा मानकों पर काम करते हैं, वहीं क्रिप्टो उद्योग अभी भी ऐसे अत्यंत आवश्यक नियमों के अभाव में चल रहा है।
बैंकों को नियमित रूप से साइबर सुरक्षा ऑडिट करवाना, खतरों की निगरानी रखना और जोखिम प्रबंधन के कड़े उपायों का पालन करना पड़ता है, लेकिन क्रिप्टो एक्सचेंजों के लिए ऐसे कोई निर्धारित नियम नहीं हैं। यह पूरी तरह से इन प्लेटफार्मों पर निर्भर है कि वे सुरक्षा उपायों को कैसे और कब लागू करते हैं।
जापान और सिंगापुर जैसे देशों ने क्रिप्टो एक्सचेंजों के लिए सख्त सुरक्षा नीतियां और अनिवार्य ऑडिट लागू किया है, जिसके कारण वहां इस तरह की घटनाओं में कमी आई है कम हुई हैं। अगर भारत, जो दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टो उपयोगकर्ता देश के रूप में उभर रहा है, अब भी इस दिशा में कदम नहीं उठाता है, तो यह क्षेत्र साइबर अपराधियों के लिए एक आसान लक्ष्य बन सकता है।
क्रिप्टो की दुनिया में तेजी से बढ़ती लोकप्रियता के बावजूद, सुरक्षा पर उतना ध्यान नहीं दिया जा रहा है। कई छोटे एक्सचेंजों के पास सुरक्षा ऑडिट कराने के लिए संसाधन तक नहीं होते, और कुछ प्लेटफार्मों में सुरक्षा मानकों की कमी होती है, जो साइबर अपराधियों के लिए रास्ता खोल देती है।
WazirX के हैक को एक गंभीर चेतावनी मानने की आवश्यकता है। यह भारत के क्रिप्टो बाजार के लिए एक अहम मोड़ साबित हो सकता है। अगर इस स्थिति पर गंभीर कदम नहीं उठाए गए, तो भविष्य में ऐसे हमलों का खतरा बना रहेगा। सरकार को सख्त कदम उठाने की जरूरत है, और क्रिप्टो एक्सचेंजों को भी अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी और साइबर सुरक्षा उपायों को प्राथमिकता देनी होगी।