नई दिल्ली: दिल्ली के पटियाला हाउस ने बुली बाई ऐप मामले के एक आरोपी विशाल झा की अग्रिम जमानत जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, कोर्ट ने आदेश पारित करते हुए कहा कि आवेदक के खिलाफ आरोप गंभीर प्राकृतिक हैं क्योंकि यह एक विशेष समुदाय की महिलाओं की गरिमा पर सीधा हमला है।
बता दें कि गुरुवार को मुंबई की एक अदालत ने 'बुली बाई' ऐप से जुड़े एक मामले में गिरफ्तार तीन छात्रों की जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया था। तीन आरोपियों में विशाल कुमार झा, श्वेता सिंह और मयंक रावत का नाम शामिल है। मालूम हो, बुली बाई ऐप में मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें डालकर उन्हें निशाना बनाया गया था। वहीं, पांच जनवरी को उत्तराखंड से सिंह (18) और रावत (21) को मुंबई पुलिस के साइबर प्रकोष्ठ ने गिरफ्तार किया था, जबकि बेंगलुरु से झा को चार जनवरी को गिरफ्तार किया गया था।
क्या है बुली बाई ऐप?
स्लिम महिलाओं को अपमानित करने और उनकी नीलामी कर पैसा कमाने के लिए बुली बाई ऐप को बनाया गया है। ओपन सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट साइट GitHub पर इस ऐप्लीकेशन को बनाया था। बताते चलें कि इंटरनेट से मशहूर महिलाओं, सेलेब्स और प्रभावशाली लोगों की तस्वीरें लेकर साइबर अपराधी इस ऐप उनका इस्तेमाल करते हैं ताकि वो पैसा कमा सकें। यही नहीं, पीड़ित महिलाओं की सहमति के बिना इस ऐप पर उनकी तस्वीरों और अन्य पर्सनल डिटेल्स को गलत तरीके से इस्तेमाल किया जा रहा था।