बलरामपुरः बलरामपुर जिले की एक अदालत ने हत्या और जानलेवा हमले के मामले में एक ही परिवार के पांच सदस्यों सहित नौ दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। अपर जिला शासकीय अधिवक्ता नवीन कुमार तिवारी ने बताया कि गैसड़ी कोतवाली में 22 जून 2013 को वादी भगीरथ ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि पुरानी रंजिश को लेकर राम सहाय के पुत्र वासुदेव, दुर्गेश, पुत्री कबूतरी, पत्नी सुनीता, दुर्गेश की पत्नी अनीता के साथ-साथ सेवरी देवी, लाहिराम, अशोक कुमार तथा भानमती ने लाठी-डंडों और कुल्हाड़ी से वादी के पिता एवं परिवार के लोगों पर हमला कर दिया था। इस घटना में उसके पिता शिवचरण की मृत्यु हो गई थी।
उन्होंने बताया कि अपर जिला जज प्रदीप कुमार ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद शुक्रवार को वासुदेव, दुर्गेश, कबूतरी, सुनीता, अनीता, लाहिराम, सेवरी देवी, अशोक कुमार और भानमती को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई और प्रत्येक पर 15 हजार रुपये का जुर्माना लगाया।
बलिया में अदालत ने नाबालिग से बलात्कार के दोषी को 25 साल कैद की सजा सुनाई
बलिया जिले की एक स्थानीय अदालत ने 11 वर्षीय लड़की से बलात्कार करने के एक वर्ष पुराने मामले में उसके चाचा को दोषी करार देते हुए 25 साल के कारावास की सजा सुनाई है। अभियोजन पक्ष के अनुसार गड़वार थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली 11 वर्षीय लड़की से रिश्ते में उसके चाचा लगने वाले सतवंत राजभर (24) ने पिछले साल एक नवंबर को उसके घर में घुसकर बलात्कार किया था।
इस मामले में लड़की की दादी की शिकायत पर सतवंत राजभर के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता और पॉक्सो (यौन अपराध से बच्चों का संरक्षण) अधिनियम की सुसंगत धाराओं में मामला दर्ज किया गया था। पुलिस ने जांच के बाद आरोपी के विरुद्ध अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था।
पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह ने शनिवार को बताया कि विशेष न्यायाधीश प्रथम कांत की अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद शुक्रवार को आरोपी सतवंत को दोषी करार देते हुए 25 साल के कारावास की सजा सुनाई और 35 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।