नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने गुरुवार को बढ़ती महंगाई के बीच 2022-23 की पहली तिमाही के लिए सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ) और राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (एनएससी) जैसी लघु बचत योजनाओं के लिए ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया। ऐसे में 2020-21 की पहली तिमाही के बाद से ब्याज दर को संशोधित नहीं किया गया है।
ब्याज दरों में कोई बदलाव न होने के बाद सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ) और राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (एनएससी) पर अगले वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में क्रमशः 7.1 प्रतिशत और 6.8 प्रतिशत की वार्षिक ब्याज दर जारी रहेगी। वित्त मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा, "विभिन्न लघु बचत योजनाओं के लिये 2022-23 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। यानी इन योजनाओं पर वही ब्याज मिलेगा जो, चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च, 2021) में था।"
बताते चलें कि लघु बचत योजनाओं के लिए ब्याज दरें तिमाही आधार पर अधिसूचित की जाती हैं। एक साल की मियादी जमा पर ब्याज दर एक अप्रैल, 2022 से शुरू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 5.5 प्रतिशत होगी, जबकि बालिका बचत योजना सुकन्या समृद्धि योजना पर 7.6 प्रतिशत ब्याज मिलेगा। अधिसूचना के अनुसार, पांच साल की वरिष्ठ नागरिक बचत योजना पर 7.4 प्रतिशत की ब्याज दर मिलती रहेगी।
बचत खाते पर ब्याज पहले की तरह चार प्रतिशत होगा। एक साल से पांच साल की अवधि के लिए मियादी जमा पर ब्याज 5.5 प्रतिशत से 6.7 प्रतिशत होगा। जबकि पांच साल की आवर्ती जमा (आरडी) पर 5.8 प्रतिशत ब्याज मिलेगा। वहीं, देश का सबसे बड़ा बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) एक साल की सावधि जमा पर 5 प्रतिशत ब्याज दर प्रदान करता है।