ठाणेः महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा है कि लाडकी बहिन योजना के आलोचकों को स्वयं देखना चाहिए कि इस योजना के जरिये लाभार्थियों के परिवारों को कितनी वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है, जिनमें से कई ने व्यवसाय शुरू कर दिया है और स्वरोजगार अपना लिया है। वह शनिवार देर रात यहां लाडकी बहिन योजना के एक लाभार्थी द्वारा शुरू की गई चाय की दुकान पर जाने के बाद मीडिया से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘इस योजना से प्राप्त धनराशि से इसकी शुरुआत की गई है। ऐसी कई बहनों ने अपना व्यवसाय शुरू किया है, जिससे उनके परिवारों को आर्थिक मदद मिल रही है।
यह योजना परिवर्तनकारी है और इससे सफलता की कई कहानियां सामने आई हैं। आलोचकों को स्वयं आकर इसकी जांच-पड़ताल करनी चाहिए।’’ शिंदे ने कहा, ‘‘कुछ महिलाओं ने स्वयं सहायता समूह बनाकर साड़ियां, पूजा सामग्री, नाश्ता आदि बेचना शुरू कर दिया है। ऐसी गतिविधियों से महिलाओं को नियमित आय हो रही है और वे अपने पैरों पर खड़ी हो रही हैं।
हमारा उद्देश्य है कि महिलाएं अपने धन का सही इस्तेमाल करें और आत्मनिर्भर तथा सशक्त बनें।’’ उपमुख्यमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भरता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का नारा है और राज्य के नागरिक इससे लाभान्वित हो रहे हैं।
पिछले साल तत्कालीन ‘महायुति’ सरकार द्वारा शुरू की गई लाडकी बहिन योजना, जब शिंदे मुख्यमंत्री थे, को भाजपा, शिवसेना और राकांपा वाले सत्तारूढ़ गठबंधन को नवंबर 2024 के विधानसभा चुनाव में व्यापक रूप से सत्ता बनाए रखने में मदद करने का श्रेय दिया जाता है। हालांकि, विपक्षी महा विकास आघाड़ी ने कहा है कि यह योजना अनियमितताओं में फंसी हुई है और राज्य के खजाने पर बोझ है। महा विकास आघाड़ी में कांग्रेस, शिवसेना (उबाठा) और राकांपा (एसपी) शामिल हैं।