नई दिल्ली: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बॉम्बे (आईआईटी-बी) ने मानसून से पहले हाइपरलोकल स्तर पर वर्षा का पूर्वानुमान और बाढ़ की निगरानी के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म विकसित किया है। इस प्रणाली को आईआईटी-बी के इंटरडिसिप्लिनरी प्रोग्राम इन क्लाइमेट स्टडीज (आईडीपीसीएस) के छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों की एक टीम द्वारा विकसित किया गया है। यह प्रणाली फिलहाल केवल मुंबई के लिए विकसित की गई है।
वास्तविक समय में वर्षा और जलभराव की जानकारी वेब पोर्टल लिंक https://www.mumbaiflood.in/ पर पता चल जाएगी। और मुंबई में आने वाली बाढ़ की जानकारी ऐप के माध्यम से प्राप्त हो सकती है। पोर्टल और ऐप लोगों को पहले से योजना बनाने के लिए वर्षा पूर्वानुमान और बाढ़ का अपडेट दे देगा।
यह पहल एचडीएफसी-ईआरजीओ आईआईटी बॉम्बे (एचई-आईआईटीबी) इनोवेशन लैब द्वारा की गई है, जिसमें एमसीजीएम सेंटर फॉर म्यूनिसिपल कैपेसिटी बिल्डिंग एंड रिसर्च (एमसीएमसीआर) के सहयोग से एचडीएफसी ईआरजीओ की फंडिंग शामिल है।
यह प्रणाली कोलाबा, सांताक्रूज और मरीन लाइन्स में भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) की मुख्य वेधशालाओं से मौसम डाटा का उपयोग करती है और पूरे मुंबई और आसपास के क्षेत्रों में 60 से अधिक स्वचालित मौसम स्टेशनों और वर्षा निगरानी स्टेशनों को भी टैप करती है।
हाइपरलोकल वर्षा पूर्वानुमान वैश्विक पूर्वानुमान प्रणाली (जीएफएस) से प्राप्त किए गए हैं और एआई/एमएल मॉडलिंग के माध्यम से बढ़ाए गए हैं। इसके उपयोगकर्ता वेब पोर्टल और ऐप दोनों में वर्षा टैब पर अगले 24 घंटों के लिए प्रति घंटा वर्षा अपडेट तक पहुंच सकते हैं।
उपयोगकर्ता जल-स्तर की लाइव जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इस प्रणाली में मुंबई के विभिन्न बाढ़ से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में नौ जल-स्तर निगरानी स्टेशन हैं, जिनके जरिए ये अपडेट देगा। दूसरी तरफ स्टेशन मानसून के दौरान वास्तविक समय में जलभराव की अपडेट देने का प्रयास करेंगे।