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सॉफ्टवेयर कंपनी की नौकरी छोड़ कर्नाटक के शख्स ने शुरू किया गधों का फार्म, गधी के दूध के मिले ₹17 लाख के ऑर्डर

By अनिल शर्मा | Updated: June 13, 2022 12:09 IST

 श्रीनिवास ने कहा कि फार्म में 20 गधे हैं। उन्होंने कहा कि गधों की प्रजातियों की संख्या घट रही है क्योंकि अब धोबियों द्वारा कपड़े धोने की मशीन और लिनन धोने के लिए अन्य तकनीक के आगमन के साथ उनका उपयोग नहीं किया जाता है।

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ठळक मुद्दे8 जून को खुला यह फार्म कर्नाटक में अपनी तरह का पहला और केरल के एर्नाकुलम जिले के बाद देश में दूसरा है।बीए स्नातक श्रीनिवास गौड़ ने सॉफ्टवेयर कंपनी की नौकरी छोड़ने के बाद 2020 में इसकी शुरुआत की श्रीनिवास ने बताया कि उनके फार्म में बकरी, खरगोश और कड़कनाथ मुर्गे भी हैं

कर्नाटकः अगर आप किसी से कहें कि आप गधे का फार्म खोलने जा रहे हैं तो आप पर लोग हंसेंगे। क्योंकि हमारे समाज में गधों को सीधा लेकिन मूर्ख जीव के रूप में स्वीकार्यता है। ऐसा ही कुछ कर्नाटक के श्रीनिवास गौड़ के साथ हुआ। श्रीनिवास ने दक्षिण कन्नड़ जिले के एक गांव में गधे का फार्म शुरू कर इतिहास रच दिया है। श्रीनिवास ने बताया कि जब गधे के फार्म का विचार उन्होंने अपने दोस्तों के साथ साझा किया तो उनका मजाक उड़ाया गया। 

8 जून को खुला यह फार्म कर्नाटक में अपनी तरह का पहला और केरल के एर्नाकुलम जिले के बाद देश में दूसरा है। फार्म के मालिक श्रीनिवास गौड़ा का कहना है कि वह गधों की दुर्दशा से हिल गए थे। जिन्हें अक्सर ठुकरा दिया जाता था और उन्हें कम आंका जाता था। सबसे रोचक बाद यह है कि श्रीनिवास ने गधों का यह फार्म अपनी अच्छी-खासी सॉफ्टवेयर कंपनी की नौकरी छोड़कर शुरू की।

बीए स्नातक श्रीनिवास ने सॉफ्टवेयर कंपनी में नौकरी छोड़ने के बाद 2020 में इरा गांव में 2.3 एकड़ के भूखंड पर एक एकीकृत कृषि और पशुपालन, पशु चिकित्सा सेवाएं, प्रशिक्षण और चारा विकास केंद्र शुरू किया। यह अपने तरह का पहला स्टार्टअप था। श्रीनिवास के मुताबिक, पहले बकरी पालन शुरू किया इसके बाद फार्म में खरगोश और कड़कनाथ मुर्गे भी रखे।

 श्रीनिवास ने कहा कि फार्म में 20 गधे हैं। उन्होंने कहा कि गधों की प्रजातियों की संख्या घट रही है क्योंकि अब धोबियों द्वारा कपड़े धोने की मशीन और लिनन धोने के लिए अन्य तकनीक के आगमन के साथ उनका उपयोग नहीं किया जाता है। फार्म के मालिक ने आगे कहा कि जब गधे के खेत का विचार उनके साथ साझा किया गया तो कई लोग आशंकित थे और उनका मजाक उड़ाया था। गधे का दूध स्वादिष्ट, बहुत महंगा और औषधीय महत्व का होता है।

श्रीनिवास ने आगे बताया कि वह लोगों को पैकेट में गधी का दूध बेचने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि 30 मिलीलीटर दूध के पैकेट की कीमत 150 रुपये होगी और इसकी आपूर्ति मॉल, दुकानों और सुपरमार्केट के माध्यम से की जाएगी। श्रीनिवास ने बताया कि उनकी योजना सौंदर्य उत्पादों में इस्तेमाल होने वाले गधी के दूध को बेचने की भी है। उनका कहना है कि 17 लाख रुपये के ऑर्डर पहले ही मिल चुके हैं।

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