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मोदी सरकार ने बंद की सब्सिडी, सात इलेक्ट्रिक दोपहिया कंपनियों को 9000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान, एसएमई‍वी ने मंत्री को पत्र लिखा, बचा लिजिए नहीं तो बर्बाद होंगे!

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 09, 2023 8:10 PM

सोसायटी ऑफ मैन्युफैक्चरर्स ऑफ इलेक्ट्रिक वेहिकल्स (एसएमई‍वी) ने बुधवार को यह जानकारी दी।

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ठळक मुद्देबेनलिंग इंडिया, एमो मोबिलिटी और लोहिया ऑटो से सब्सिडी वापस मांगी है।नियमों का उल्लंघन कर योजना के तहत राजकोषीय प्रोत्साहन का लाभ उठाने की बात सामने आई थी।सात कंपनियों ने कथित तौर पर आयातित घटकों का इस्तेमाल किया।

नई दिल्लीः सब्सिडी बंद किए जाने के बाद बकाया भुगतान न होने और बाजार हिस्सेदारी में गिरावट के कारण सात इलेक्ट्रिक दोपहिया कंपनियों को कुल मिलाकर 9,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। सोसायटी ऑफ मैन्युफैक्चरर्स ऑफ इलेक्ट्रिक वेहिकल्स (एसएमई‍वी) ने बुधवार को यह जानकारी दी।

 

सरकार ने इन कंपनियों को उन्हें दी गई सब्सिडी वापस करने का निर्देश दिया है। एसएमईवी के अनुसार, उसके चार्टर्ड अकाउंटेंट के ऑडिट से संकेत मिलता है कि प्रभावित कंपनियों को 9,000 करोड़ रुपये से अधिक का संचयी नुकसान होने का अनुमान है। एसएमईवी के ‘चीफ एवान्जलिस्ट’ संजय कौल ने कहा कि हो सकता है इनमें से कई कंपनियां कभी इससे उबर न पाएं।

केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडे को लिखे पत्र में उन्होंने कहा कि ओईएम (मूल उपकरण निर्माता) रोज बढ़ते घाटे के कारण बर्बाद होने की स्थिति में पहुंच रहे हैं। कौल ने कहा कि पत्र में प्रस्ताव दिया गया कि यदि मंत्रालय का इरादा इन ओईएम को सजा देना था, लेकिन अब यह उन्हें व्यावहारिक रूप से खत्म कर रही है।

यह सजा 22 महीने से अधिक समय से जारी है जो खुद में एक अपराध है। सरकार हीरो इलेक्ट्रिक, ओकिनावा ऑटोटेक, एम्पीयर ईवी, रिवोल्ट मोटर्स, बेनलिंग इंडिया, एमो मोबिलिटी और लोहिया ऑटो से सब्सिडी वापस मांगी है। भारी उद्योग मंत्रालय की जांच में इन कंपनियों के नियमों का उल्लंघन कर योजना के तहत राजकोषीय प्रोत्साहन का लाभ उठाने की बात सामने आई थी।

योजना के नियमों के अनुसार, ‘मेड इन इंडिया’ (भारत निर्मित) घटकों का इस्तेमाल करके इलेक्ट्रिक वाहनों का उत्पादन करने के लिए प्रोत्साहन की अनुमति दी गई थी, लेकिन जांच में पता चला कि इन सात कंपनियों ने कथित तौर पर आयातित घटकों का इस्तेमाल किया।

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