सुशांत सिंह राजपूत की डायरी के 15 पन्ने सामने आने के बाद एक फिर उनके आत्महत्या करने पर सवाल खड़े हो गए हैं। दरअसल, डायरी में सुशांत ने पूरे साल की प्लानिंग कर रखी थी। इसके साथ ही इसमें उन्होंने घरवालों का जिक्र भी किया था। ऐसे में सवाल यह उठता है कि जो शख्स इस तरह की प्लानिंग के साथ जीवन में आगे बढ़ रहा था, वो अचानक डिप्रेशन में जाकर सुसाइड कैसे कर सकता है।
सुशांत की डायरी में 2020 की प्लानिंग में सबसे अहम था उनका वो पन्ना, जिसमें सुशान्त को एहसास होने लगा था कि परिवार पीछे छूट रहा है। परिवार से दूरियां बढ़ रही हैं। ऐसे में वह आने वाले समय में परिवार के साथ अधिक से अधिक समय बिताना चाहते थे। परिवार के लिए काफी कुछ करना चाहते थे। वह घरवालों के लिए सेल्फलेस, केयरिंग और रिस्पांसिबल बनना चाहते थे।
डायरी के पन्नों ने फैंस के मन में पैदा किए कई सवाल
इन पन्नों में सुशांत की बहन प्रियंका का भी नाम है। सुशांत की डायरी के इन पन्नों में फिल्मों की स्क्रिप्ट, बॉलीवुड, हॉलीवुड और कंपनी के बारे में लिखा है। इन पन्नों के सामने आने के बाद अब कई सवाल उठ रहे हैं। फैंस सोशल मीडिया पर लगातार इस बात पर बहस कर रहे हैं कि अगर सुशांत की मानसिक हालत ठीक नहीं थी तो वह इतनी सारी प्लानिंग कैसे कर रहे थे।
परिवार ने जारी किया था 9 पेज का बयान
इससे पहले एक्टर के परिवार की ओर से बयान जारी किया गया है। 9 पेज के इस बयान में परिवार ने कई तरह के सवाल किए हैं। परिवार का आरोप है कि सुशांत के परिवार, जिसमें चार बहनें और एक बूढ़ा बाप है, को सबक सिखाने की धमकी दी जा रही है। एक-एक करके सबके चरित्र पर कीचड़ उछाला जा रहा है। इतना ही नहीं परिवार के सदस्यों ने मुंबई पुलिस और रिया चक्रवर्ती पर भी आरोप लगाए हैं।
पिता ने लेटर में किया अपने बच्चों का जिक्र
पिता ने अपने पत्र में अपने परिवार के बारे में बताया,"पहली बेटी में जादू था। कोई आया और चुपके से उसे पारियों के देश ले गया। दूसरी राष्ट्रीय टीम के लिए क्रिकेट खेली। तीसरे ने कानून की पढ़ाई की तो चौथे ने फैशन डिजाइन में डिप्लोमा किया। पांचवा सुशांत था। ऐसा, जिसके लिए सारी माएं मन्नत मांगती हैं। पूरी उमर, सुशांत के परिवार ने ना कभी किसी से कुछ लिया, ना कभी किसी का अहित किया। मदद करे...अग्रजों के वारिश हैं, एक अदना हिंदुस्तानी मरे, इन्हें क्यों परवाह हो?"
परिवार को मिल रही धमकियां
बता दें कि 'सुशांत के पिरवार, जिसमें चार बहनें और एक बूढ़ा बाप है, को सबक़ सिखाने की धमकी दी जा रही है। एक-एक कर सबके चरित्र पर कीचड़ उछाला जा रहा है। सुशांत से उनके संबधों पर सवाल उठाया जा रहा है। तमाशा करने वाले और तमाशा देखने वाले ये ना भूलें कि वे भी यहीं हैं। अगर यही आलम रहा तो क्या गारंटी है कि कल उनके साथ ऐसा ही नहीं होगा?