सुनील दत्त का आज जन्मदिन है।
ऐसे तो हर कोई जानता है कि सुनील दत्त एक बेहतरीन कलाकार के साथ-साथ अपने परिवार के बेहद करीब थे। उन्हें पहचान भले ही एक अभिनेता के तौर पर मिली हो लेकिन उन्हें सिर्फ एक अभिनेता के तौर पर देखना उनकी शख्सियत से जुडी बाकी पहलुओं को नजरअंदाज करना होगा। आइए आज हम आपको बताते हैं कि फिल्मों में आने से पहले वह क्या काम करते थे और कैसे सिनेजगत में अपनी शुरुआत की।
अभिनेता बनने से पहले करते थे ये काम
कॉलेज से निकलने के बाद सुनील दत्त रेडियो की दुनिया में पहुंच गए। रेडियो सीलोन में उन्होंने बतौर रेडियो एनाउंसर काम किया और यहीं से फिल्मी कलाकारों के इंटरव्यू लेते हुए फिल्मी दुनिया के दरवाजे तक पहुंच गए। कहते हैं उन दिनों कई लोग उन्हें देख कर कहा करते थे इतने सुन्दर, लंबे, इंसान हो तुम फ़िल्मों में हाथ क्यों नहीं आजमाते हो।
यूं की बॉलीवुड में एंट्री
मशहूर रेडियो प्रसारक अमीन सयानी सुनील दत्त के पुराने मित्र थे और उनकी मदद से वह रेडियो की दुनिया तक पहुंचे थे। तो रेडियो मे वह सुनील को ही फ़िल्मी सितारों का इंटरव्यू करने देते थे। ऐसी ही एक मुलाकात के बाद फ़िल्म निर्माता रमेश सहगल ने अपनी फ़िल्म 'रेलवे प्लेटफॉर्म' के लिए सुनील दत्त को हीरो के रोल का प्रस्ताव दिया था, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया। जिसके बाद 1955 में वह बतौर हीरो लोगों से रुबरु हुए।
नरगिस का नहीं ले पाए थे इंटरव्यू
सुनील दत्त जब रेडियो में काम कर रहे थे उन दिनों नरगिस के प्रसिद्ध अभिनेत्री बन चुकी थीं। ऐसे में हर कोई उनका इंटरव्यू लेने को बेकरार रहता था, लेकिन कोई थी जो उनका इंटरव्यू नहीं ले पाया था। कहा जाता है कि रेडियो ऑफिस में ही पहली बार नर्गिस एक इंटरव्यू के सिलसिले में सुनील से मिली थीं लेकिन नर्गिस को देखकर वह इतने नर्वस हो गए थे कि वो उनसे कोई सवाल नहीं कर सके। ऐसे में लास्ट में ये शो रद्द करना पड़ा था।
यूं आए थे फिर करीब
कभी नरगिस का साक्षात्कार लेने से डरने वाले सुनील ने बाद में मदर इंडिया फिल्म में उनके साथ काम किया। इतना ही नहीं फिल्म के सेट पर आग से नरगिस को उन्होंने बताया भी, बस यहीं से दोनों एक दूसके के करीब भी आ गए थे। कैसे वे दोनों एक-दूसरे के नज़दीक आए और ज़िंदगी भर के लिए एक-दूजे के हो गए, ये किस्सा तो शायद सब को पता हो। लेकिन कहते हैं कि शादी की बात एक साल तक दोनों ने दुनिया से छिपाकर रखी थी। शादी करने के बाद दोनों एक साल तक अपने-अपने घरवालों के साथ रहे। एक साल बाद उन्होंने ये बात दुनिया के सामने मानी कि दोनों ने शादी की और आखिरी सांस तक दोनों ने एक दूसरे का साथ निभाया।
गिनीज बुक में नाम दर्ज
सुनील दत्त ने अपने छह दशकों लंबे फ़िल्मी करियर में 50 से ज्यादा फिल्मों में अभिनय किया। सुनील दत्त ने 1964 में एक फिल्म 'यादें' बनाई। इस फिल्म का नाम सबसे कम कलाकार वाली फिल्म के रूप में गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज है। फिल्म में सुनील दत्त के आलावा नर्गिस दत्त ही बतौर कलाकार थीं।