मुंबई: आदिपुरुष के संवाद लेखक मनोज मुंतशिर द्वारा अपनी जान को खतरा बताकर सुरक्षा की मांग करने पर मुंबई पुलिस ने उन्हें सुरक्षा प्रदान की है। पुलिस का कहना है कि वह मामले की जांच कर रही है। मनोज मुंतशिर ने पुलिस को दी गई शिकायत में कहा था कि सोशल मीडिया पर उन्हें जान से मारने की धमकी मिली थी।
आदिपुरुष के रीलिज होने के बाद से ही यह फिल्म चर्चा में है। फिल्म के संवाद मनोज मुंतशिर ने लिखे हैं और सोशल मीडिया पर उनके द्वारा लिखे संवादों के लिए फिल्म और लेखक की जमकर आलोचना हो रही है।
फिल्म में दिखाया गया है कि जब हनुमान लंका में जाते हैं तब मेघनाद उनसे कहता है, "तेरी बुआ का बगीचा है क्या जो हवा खाने चला आया"। वहीं लंका दहन के दौरान हनुमान का संवाद है कि "कपड़ा तेरे बाप का... तेल तेरे बाप का... आग तेरे बाप की, तो जलेगी भी तेरे बाप की।"
इन संवादों के लिए सोशल मीडिया पर सुनाई जा रही खरी खोटी के बीच लेखक मनोज मुंतशिर ने इसका बचाव किया है। एक साक्षात्कार में जब मुंतशिर से पूछा गया कि क्या यह उनकी ओर से की गई एक गलती है तो जवाब में उन्होंने कहा कि बजरंगबली के लिए संवाद लिखने में एक बहुत ही सावधानीपूर्वक विचार प्रक्रिया चली। हमने इसे सरल इसलिए बनाया है क्योंकि हमें एक बात समझनी है कि अगर किसी फिल्म में कई किरदार हैं तो वे सभी एक भाषा को नहीं बोल सकते। यह गलती नहीं है।
हालांकि आलोचना के बीच मनोज मुंतशिर ने ऐलान करते हुए कहा था कि जो संवाद लोगों को आहत कर रहे हैं, उन्हें संशोधित किया जाएगा। मनोज मुंतशिर ने बताया है कि बदले हुए संवाद इसी सप्ताह फिल्म में शामिल किए जाएंगे।
अपने बचाव में उन्होंने कहा था कि मैं अपने संवादों के पक्ष में अनगिनत तर्क दे सकता हूँ, लेकिन इस से आपकी पीड़ा कम नहीं होगी। मैंने और फिल्म के निर्माता-निर्देशक ने निर्णय लिया है, कि वो कुछ संवाद जो आपको आहत कर रहे हैं, हम उन्हें संशोधित करेंगे, और इसी सप्ताह वो फ़िल्म में शामिल किए जाएंगे। हालांकि इस फैसले के बाद भी मनोज मुंतशिर की शोसल मीडिया पर आलोचना जारी है।