अमिताभ बच्चन और आयुष्मान खुराना की फिल्म गुलाबो सिताबो आज अमेजन प्राइम पर रिलीज हो गई है। इस फिल्म को डिजिटल रिलीज किया गया है। इस फिल्म को सुजीत सरकार ने डायरेक्टर किया है। फिल्म को फैंस से मिले जुले रिव्यू भी मिल रहे हैं। ऐसे में कमाल आर खान ने फिल्म को लेकर ट्वीट किया है। कमाल को फिल्म पसंद नहीं आई है।
कमाल सोशल मीडिया पर हर एक सामाजिक और राजनीतिक मुद्दे पर अपनी राय खुलकर रखते रहते हैं। कई बार कमाल ट्रोलर के हाथ भी चढ़ जाते हैं।कमाल आर खान बॉलीवुड प्रोड्यूसर और एक्टर हैं। कमाल सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं। केआरके हर एक सामाजिक और राजनीतिक मुद्दे पर खुलकर अपनी राय व्यक्त करते रहते हैं। अब कमाल ने गुलाबो सिताबो फिल्म पर प्रतिक्रिया पेश की है।
केआरके ने अपने ट्वीट में लिखा- ‘मैं डायरेक्टर साहब से पूछना चाहता हूं कि सर जी क्या करना चाह रहे थे आप? असल में मंशा क्या थी आपकी? देखने वालों की रूह निकालना चाहते थे क्या आप? वैसे शुक्रिया कि आपने फिल्म थिएटर पर रिलीज नहीं की।’
क्या है फिल्म की कहानी
फ़िल्म की कहानी 78 साल के लालची, झगड़ालू, कंजूस और चिड़चिड़े स्वभाव के मिर्जा के आस पास घूमती नजर आती है। मिर्जा की जान उस हवेली में बसती है। लेकिन दिलचस्प बात ये है कि ये हवेली मिर्जा की बीवी फातिमा की पुश्तैनी जायदाद है। इसीलिए इसका नाम फातिमा महल है। मिर्जा लालची ही नहीं बहुत कमी निकालने वाला भी है। पैसों के लिए हवेली की पुरानी चीज़ों को चोरी से बेचता रहता है। उसे खुद से 17 साल बड़ी फातिमा के मरने का इंतजार है ताकि हवेली उसे मिल सके।
इस पुरानी हवेली में कई किराएदार रहते हैं, जिनमें से एक बांके रस्तोगी है। बांके (आयुष्मान खुराना) हवेली में रहता है, वह अपनी मां और तीन बहनों के साथ रहता है। वह केवल छठी तक पढ़ा है और आटा चक्की की दुकान चलाता है। बांके एक लड़की से प्यार करता है, शादी के लिए दबाव बना रही है। मिर्ज़ा, बांके को बिल्कुल पसंद नहीं करता। उसे परेशान करने के नए-नए तरीके ढूंढता है और हवेली से बेदखल करना चाहता है। दोनों में आए दिन बहस भी होती रहती है अब देखना होगा कि मिर्चा बांके को निकाल पाता है कि नहीं-