63वें फिल्मफेयर अवार्ड्स के नॉमिनेशन की पूरी लिस्ट जारी हो चुकी है। 20 जनवरी को मुंबई की एक रंगीन शाम में बॉलीवुड सितारों से सजी शाम में विनर्स की घोषणा की जाएगी। अभी विनर्स की घोषणा भी नहीं हुई और हर साल की तरह नॉमिनेशन पर कंट्रोवर्सी भी शुरू हो गई है। बेस्ट फिल्म की कैटेगरी में पांच फिल्मों को नॉमिनेट किया गया है जिसमें ऑस्कर के लिए नॉमिनेट 'न्यूटन' शामिल नहीं है। राजकुमार राव की फिल्म 'न्यूटन' को क्रिटिक अवार्ड फॉर बेस्ट फिल्म के लिए नॉमिनेट किया गया है।
63 साल पहले फिल्म फेयर अवार्ड्स की शुरुआत हुई थी और इसके साथ जुड़ी कंट्रोवर्सी का इतिहास भी कोई बहुत नया नहीं है। ऋषि कपूर से लेकर आमिर खान, कंगना रनौत जैसे स्टार्स ने फिल्म अवार्ड्स के बिकाऊपने पर खुलेआम बोला है।
ऋषि कपूर ने 30 हजार में खरीदा फिल्मफेयर बेस्ट एक्टर अवार्ड!
1973 में फिल्म 'बॉबी' रिलीज हुई। 21 साल के स्टार किड ऋषि कपूर के अभिनय की खूब तारीफ हुई और उन्हें फिल्मफेयर बेस्ट एक्टर अवार्ड मिला। साल 2017 में ऋषि कपूर एक किताब लिखते हैं। किताब के प्रमोशन के दौरान दिए उनके इंटरव्यू के बयान हैरान करने वाले होते हैं। ऋषि कपूर ने माना कि 1973 में फिल्म बॉबी के लिए उन्होंने बेस्ट एक्टर का अवार्ड खरीदा था। इसके लिए 30 हजार रुपये खर्च करने पड़े थे। उन्होंने कहा कि इस बात के लिए वो शर्मिंदा हैं लेकिन उस वक्त उनपर जवानी और पैसे की खुमारी थी।
फिल्मफेयर पर शाहरुख और आमिर का पंगा!
शाहरुख खान की 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' और आमिर खान की 'रंगीला' एक ही साल रिलीज हुई थी। उस साल का फिल्मफेयर बेस्ट एक्टर अवार्ड शाहरुख खान को डीडीएलजे के लिए दिया गया लेकिन आमिर खान का मानना था कि पक्षपात किया गया। इसी के बाद से उन्होंने ऐसे अवार्ड समारोहों में जाना बंद कर दिया। पिछले साल दंगल फिल्म को बेस्ट फिल्म का अवार्ड मिला उसके बावजूद आमिर खान समारोह में शामिल नहीं हुए।
अक्षय कुमार के हिस्से कुछ नहीं!
2016 में अक्षय कुमार एयरलिफ्ट जैसी फिल्म आई थी जिसमें उन्होंने शानदार परफॉर्मेंस दी। इसके बावजूद 2017 के फिल्मफेयर अवार्ड के लिए उनकी फिल्मों को नॉमिनेट तक नहीं किया गया। सोशल मीडिया पर इसका भी खूब मजाक बना। हालांकि अक्षय कुमार ने अपने कई साक्षात्कार में कहा कि ऐसे अवार्ड उनके लिए बहुत मायने नहीं रखते।
फिल्म स्टार्स के साथ स्टार किड्स ने भी आलोचना की
आमिर खान और कंगना रनौत जैसे फिल्म स्टार्स तो आलोचना कर ही रहे थे। साल 2017 के फिल्म फेयर अवार्ड की कंट्रोवर्सी में स्टार किड्स भी कूद पड़े। म्यूजिक डायरेक्टर अमाल मलिक ने तो पूरी फेसबुक पोस्ट लिखकर भड़ास निकाली। उन्होंने कहा कि बागी जैसी औसत फिल्म को नॉमिनेशन मिला लेकिन फितूर और बार बार देखो जैसी बेहतरीन कंपोजीशन को नॉमिनेशन ही नहीं मिला। उनकी इस पोस्ट की सोशल मीडिया पर खूब चर्चा हुई।
कनौत रनौत के मुखर बोल
कंगना रनौत तो खुलेआम फिल्मफेयर अवार्ड की धज्जियां उड़ाती हैं। इससे जुड़ा एक वाक्या सुनाते हुए कंगना ने बताया कि मैं यूएस में स्क्रीनप्ले राइटिंग कोर्स कर रही थी, तब मेरे पास 2014 में फिल्मफेयर से एक कॉल आया। मुझे बताया गया कि आपको कृष 3 के लिए अवॉर्ड मिलने वाला है और एक दिन के लिए आने को कहा ताकि मैं प्रोग्राम अटेंड कर पाऊं। मैंने उन्हें बताया कि मैं अपने कोर्स में लगी हूं और वहां आने और वापस लौटने में मेरे 10 लाख रुपये खर्च हो जाएंगे। मेरी क्लासेस मिस होने की वजह से मैंने उन्हें मना कर दिया। इसके बाद उन्होंने वह बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस अवॉर्ड रामलीला के लिए सुप्रिया पाठक को दे दिया।
इन विवादों को पढ़कर क्या अभी भी आपको लगता है कि किसी एक्टर की प्रतिभा को पहचानने के लिए ऐसे अवार्ड्स सही पैमाना हैं? अपनी राय हमें जरूर बताइएगा।