सदी के महानायक अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) आज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। मगर उनके संघर्ष के दिनों को कोई नहीं भुला सकता। बिग बी भले ही मशहूर कवी हरिवंश राय बच्चन के बेटे क्यों ना रहे हों, लेकिन बॉलीवुड में अपनी एक अलग पहचान बनाने के लिए उन्होंने काफी मेहनत की। मालूम हो, फिल्म 'बॉम्बे टू गोवा' (Bombay to Goa) बिग बी को इंडस्ट्री में एक बड़ा ब्रेक दिया था।
'बॉम्बे टू गोवा' ने बदली बिग बी की जिंदगी
हालांकि, इस फिल्म से पहले वो कुछ फिल्में कर चुके थे। मगर वो मुकाम इस फिल्म ने दिया उसके कारण उनकी जिंदगी बदल गई। वैसे इस बात की जानकारी बेहद कम लोगों को है कि फिल्म 'बॉम्बे टू गोवा' के लिए अमिताभ बच्चन डायरेक्टर-प्रोड्यूसर मेहमूद (Mehmood) की पहली पसंद नहीं थे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सबसे पहले इस फिल्म के लिए मेहमूद ने शुरुआत में तत्कालीन राजनेता राजीव गांधी को मुख्य भूमिका की पेशकश की, जिसने इसे ठुकरा दिया था।
मद्रास टू पांडिचेरी का रीमेक है फिल्म
राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) ने बाद में भारत के 6वें प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। इसके बाद फिल्म 'बॉम्बे टू गोवा' का ऑफर अमिताभ बच्चन के पास गया था। इस फिल्म में बिग बी के अलावा शत्रुघ्न सिन्हा, मेहमूद और अरुणा ईरानी भी नजर आए थे। फिल्म में मेहमूद ने एक ड्राइवर का रोल निभाया था। बता दें, बॉम्बे टू गोवा एक तमिल फिल्म मद्रास टू पॉन्डिचेरी की आधिकारिक रीमेक थी।
बिग बी को मिली थी जंजीर
अरुणा ईरानी को इस फिल्म में कास्ट किया गया था क्योंकि वह एकमात्र ऐसी अदाकारा थीं जो अमिताभ बच्चन के साथ काम करने के लिए मान गई थीं। दरअसल, वह उस समय से ज्यादा फेमस नहीं थीं। फिल्म बॉम्बे टू गोवा में अपनी भूमिका के बाद अमिताभ बच्चन काफी मशहूर हो गए। ऐसे में सलीम-जावेद ने उन्हें फिल्म जंजीर ऑफर की, जिसके बाद बिग बी घर-घर मशहूर हो गए।