लाइव न्यूज़ :

वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: युआन बनाम डॉलर का मुकाबला

By वेद प्रताप वैदिक | Published: June 30, 2022 4:41 PM

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन तथा अन्य नेताओं ने इस अवसर पर घोषणा की कि वे अगले पांच वर्षों में 600 बिलियन डाॅलर का विनियोग दुनिया भर में करेंगे ताकि सभी देशों में निर्माण-कार्य हो सके और आम आदमियों का जीवन-स्तर सुधर सके। जाहिर है कि इतने बड़े वित्तीय निवेश की कल्पना इन समृद्ध देशों में चीन के कारण ही जन्मी है।

Open in App
ठळक मुद्देचीन ने 2013 में ‘बेल्ट एंड रोड एनीशिएटिव’ (बीआरडी) शुरू करके दुनिया के लगभग 40 देशों को अपने कर्ज से लाद दिया है।श्रीलंका और पाकिस्तान तो चीन के शिकार हो ही चुके हैं।

दुनिया के सात समृद्ध देशों के संगठन जी-7 के शिखर सम्मेलन में भारत को भी आमंत्रित किया गया था, हालांकि भारत इसका बाकायदा सदस्य नहीं है। इसका अर्थ यही है कि भारत इन समृद्ध राष्ट्रों की श्रेणी में पहुंचने की पर्याप्त संभावना रखता है। जर्मनी में संपन्न हुए इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाग लेकर सभी नेताओं से गर्मजोशी से मुलाकात की, भारत की उपलब्धियों का जिक्र किया और इस संगठन के सामने कुछ नए लक्ष्य भी रखे। 

मोदी ने यह तथ्य भी बेझिझक प्रकट कर दिया कि भारत की आबादी दुनिया की 17 प्रतिशत है लेकिन वह प्रदूषण सिर्फ 5 प्रतिशत ही कर रहा है। दूसरे शब्दों में उन्होंने समृद्ध राष्ट्रों को अपने प्रदूषण को नियंत्रित करने का भी संकेत दे दिया। इसके अलावा उन्होंने समृद्ध राष्ट्रों से अपील की कि वे विकासशील राष्ट्रों की भरपूर मदद करें। संसार के देशों में बढ़ती जा रही विषमता को वे दूर करें।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन तथा अन्य नेताओं ने इस अवसर पर घोषणा की कि वे अगले पांच वर्षों में 600 बिलियन डाॅलर का विनियोग दुनिया भर में करेंगे ताकि सभी देशों में निर्माण-कार्य हो सके और आम आदमियों का जीवन-स्तर सुधर सके। जाहिर है कि इतने बड़े वित्तीय निवेश की कल्पना इन समृद्ध देशों में चीन के कारण ही जन्मी है। चीन ने 2013 में ‘बेल्ट एंड रोड एनीशिएटिव’ (बीआरडी) शुरू करके दुनिया के लगभग 40 देशों को अपने कर्ज से लाद दिया है। 

श्रीलंका और पाकिस्तान तो उसके शिकार हो ही चुके हैं। भारत के लगभग सभी पड़ोसी देशों की संप्रभुता को गिरवी रखने में चीन ने कोई संकोच नहीं किया है लेकिन जो बाइडेन ने चीनी योजना का नाम लिए बिना कहा है कि जी-7 की यह योजना न तो कोई धर्मदाय है और न ही यह राष्ट्रों की मदद के नाम पर बिछाया गया कोई जाल है। यह शुद्ध विनियोग है। 

इससे संबंधित राष्ट्रों को तो प्रचुर लाभ होगा ही, अमेरिका भी फायदे में रहेगा। बाइडेन और अन्य जी-7 नेताओं की यह सोच सराहनीय है लेकिन लंबे समय से डॉलर के बारे में कहा जाता है कि यह जहां भी जाता है, वहां से कई गुना बढ़कर लौटता है। देखें चीनी युआन के मुकाबले यह कितनी कम ठगाई करता है।

टॅग्स :G-7श्रीलंकाअमेरिकाभारतजो बाइडनJoe Biden
Open in App

संबंधित खबरें

क्रिकेटIND vs BAN वॉर्म अप मैच की तारीख घोषित, जानें कब और कहां देखें मैच

कारोबारIndian Air Travel: ट्रेन, बस और कार छोड़ हवाई यात्रा अधिक कर रहे भारतीय!, 3 माह में 9.7 करोड़ यात्रियों ने उड़ान भरकर तोड़ दी रिकॉर्ड, एमईआई रिपोर्ट जारी

क्रिकेटT20 World Cup 2024 Warm Up Games Schedule: विश्व कप से पहले 1 जून को टीम इंडिया खेलेगी अभ्यास मैच, 27 मई-एक जून तक अमेरिका और त्रिनिदाद एवं टोबैगो में मैच, देखें शेयडूल

भारतविदेश मंत्री जयशंकर ने बताई 'मोदी जी ने वार रुकवा दी पापा' के पीछे की असली कहानी, जानें पीएम ने युद्ध रोकने के लिए क्या किया

विश्वIsrael–Hamas war: अपने ही टैंक ने दागे गोले, 5 इजरायली सैनिक मारे गए, जबालिया शहर में बड़ा हादसा

विश्व अधिक खबरें

विश्वUK PM Rishi Sunak-Akshata Murthy Rich List: कुल संपति 65.1 करोड़ पाउंड, 245वें स्थान पर, ब्रिटेन पीएम सुनक और पत्नी अक्षता और आगे बढ़े, देखें टॉप-5 लिस्ट

विश्वViral video: जमीन से कई फीट उपर चलते हैं ये आदिवासी बच्चे, स्टिल्ट की मदद से चलने में माहिर, जानें कारण

विश्वप्रमोद भार्गव का ब्लॉग: चाबहार बंदरगाह पर अमेरिका क्यों बेचैन?

विश्वPM Narendra Modi Lok Sabha Elections 2024: पीएम मोदी ने पिछले 10 वर्षों में भारत की छवि बदली, भारतीय-अमेरिकी डॉक्टर कंसुपाड़ा ने कहा-सच्चे वैश्विक नेता के रूप में उभरे

विश्वWATCH: बिना मेकअप और हेयर डाई के पहचान में नहीं आ रहे हैं इमरान खान, PAK के पूर्व पीएम का शौकिंग लुक आया सामने