लाइव न्यूज़ :

ये हौसला कैसे झुके: गाँव की यह बेटी ऐसे बन गयी देश भर के लिए एक प्रेरणा!

By मोहित सिंह | Published: June 06, 2018 1:03 PM

पूजा की सादगी और मासूम सी मुस्कान को देख कर आप उसके हौसले का अंदाजा भी नहीं लगा सकते कि यह सीधी सी लगने वाली लड़की एक छोटे से गाँव में बैठ कर बड़े - बड़े शहरों के स्टूडेंट्स को मात दे गयी है|

Open in App

हटा दो सब बाधाएं मेरे पथ की, मिटा दो आशंकाएं सब मन की|जमाने को बदलने की शक्ति को तो समझो, कदम से कदम मिलकर चलने तो दो मुझे|| 

कुछ ऐसी ही प्रेरणादायक है छोटे से गांव चंदिकन की पूजा सिंह की कहानी| 'चंदिकन' कांग्रेस के गढ़ 'अमेठी' से महज़ 17 किलोमीटर दूर एक बेहद छोटा सा अविकसित गाँव, 'चंदिकन' माँ दुर्गा के एक रूप संडवा चंडिका के मंदिर के लिए दूर दूर तक प्रसिद्ध, 'चंदिकन' इलाहाबाद के रेलवे स्टेशन 'अंतू' से सटा हुआ छोटा सा ब्लॉक लेकिन वहां पहुंचना किसी पहाड़ को पार करने से कम नहीं है.

प्रतापगढ़, विधायक राजा भईया का गढ़, इसी जिले में पड़ता है छोटा सा गांव 'चंदिकन' शहर से महज़ 20 किलोमीटर दूर लेकिन यहाँ अगर आप जाते हैं तो आपको पता चलेगा यहाँ पहुंचने का संघर्ष, या तो कोई साधन नहीं मिलता और अगर आपके पास खुद का साधन है तो फिर सड़क ऐसी मिलती है कि जो आपके रफ़्तार को बाँध देती है| अगर आप किसी भी तरह यहाँ पहुंच गए हैं तो तैयार रहिये यहाँ 24 घंटे में चंद घंटे ही बिजली की व्यवस्था है| लेकिन यह कोई बड़ी समस्या नहीं है, यहाँ के लोग इसके अभ्यस्थ हैं| 

'शिक्षा' एक बड़ी समस्या है इस गांव की, खासकर बेटियों के लिए| प्राथमिक स्कूल से पढ़ाई करके छात्र आगे की पढ़ाई के लिए  या तो प्रतापगढ़ पलायन कर जाते हैं या उस गांव के आसपास के कॉलेज में एडमिशन ले लेते हैं जहां रोज स्कूल पहुंचना भी बेहद कठिन होता है और अगर आप स्कूल पहुंच पा भी रहे हैं तो पढ़ाई के लिए उचित माहौल, सुविधा और शिक्षकों का अभाव| 

ऐसे माहौल में अगर इस गांव की एक बेटी जिले में टॉप करती है और मेरिट लिस्ट में 9वां स्थान लेकर आती है तो उसके हौसले और माता - पिता से मिले सपोर्ट को पूरा श्रेय जाता है| जी हां, हम बात कर रहे हैं इस गांव की एक बेहद होनहार बेटी पूजा सिंह की जिसने उत्तर प्रदेश बोर्ड में साल 2018 में 91.66% अंक के साथ जिले में तो टॉप किया ही है बल्कि मेरिट लिस्ट में 9वां स्थान भी प्राप्त किया है| यह पूरे 'चंदिकन' के लिए गर्व की बात है और मेरे लिए भी क्यूंकि मैं भी इसी मिट्टी से जुड़ा हुआ हूँ|  

पूजा की इस सफलता का सारा श्रेय में उसके माता - पिता श्री राज कुमार सिंह और श्रीमती संध्या सिंह को देता हूँ| अगर उनका साथ ना होता तो पूजा को इतनी बड़ी उपलब्धि कभी ना मिलती| इसी गांव में कई अन्य परिवारों की बेटियों को ऐसा समर्थन नहीं मिला कभी कि अपनी प्रतिभा पूरे देश को दिखा सकें| 

चंदिकन में ज्यादातर परिवार पेशे से किसान हैं और जीविका का एक बड़ा हिस्सा खेती से आता है| महज़ 15 वर्ष की छोटी उम्र में पूजा ने वो कारनामा कर दिखाया जो शायद दशकों से इस गांव में किसी और ने नहीं किया होगा| राज कुमार सिंह के परिवार में उनकी पत्नी संध्या सिंह, दो बेटियां अनामिका सिंह और पूजा सिंह और एक बेटा शिवेंद्र सिंह हैं| राजकुमार सिंह के तीनों बच्चे पढ़ने में बेहद अच्छे रहे हैं. उनकी बड़ी बेटी अनामिका ने 10वी के बोर्ड एग्जाम में 79.5% अंक हासिल किया था और अब बीटेक करके नोएडा में एक सॉफ्टवेयर कंपनी में काम कर रही हैं| बेटे शिवेंद्र सिंह ने 10वी के बोर्ड एग्जाम में 86.5% अंक हासिल किया था| शिवेंद्र ने हाल ही में एयरफोर्स की लिखित परीक्षा पास की है और इंटरव्यू की तैयारी कर रहा है| छोटी बेटी हैं पूजा सिंह जिन्होंने इस साल उत्तर प्रदेश बोर्ड की 10वीं के एग्जाम में 91.66% पाकर माँ - पिता ही नहीं पूरे गाँव का नाम रोशन किया है| 

पूजा KPS इंटर कॉलेज से पढ़ाई कर रही हैं और बिना किसी ट्यूशन या कोचिंग की मदद के उन्होंने बोर्ड एग्जाम में यह अंक प्राप्त किया है| जब मेरी मुलाकात पूजा से हुई थी तो वह बड़ी मासूम सी लगी और हम लोगों के लिए दौड़ भाग करते ही दिखी| चाय से लेकर सोने के इंतज़ाम तक और सुबह नाश्ते से लेकर अलविदा कहने तक पूजा घर के काम करते ही दिखाई दी| घर सँभालने में अपनी माँ की मदद करते हुए इस तरह के मार्क्स लेकर आना पूजा की प्रतिभा ही तो है| 

मेरिट लिस्ट में जगह बनाकर, पूजा ने हम सबकी 'बेस्ट स्कूल' की धारणा को तोड़ दिया है| हम बेस्ट स्कूल, बेस्ट टीचर, बेस्ट ट्यूशन, बेस्ट कोचिंग की ही बात करते हैं और अपने बच्चों को बेस्ट देने की कोशिश में भूल जाते हैं कि बेस्ट तो वह है जो आपका बच्चा स्कोर करता है उसके क्षमता के हिसाब से ना कि बेस्ट उसपर थोपा जा सकता है| 

बहरहाल, पूजा का सपना है आईएएस बनने का और इस सपने को पूरा करने के लिए पूरी लगन से पूजा जुटी हुई है| पूजा भगवान् तुम्हे और हिम्मत और सपने देखने की ताकत दे ताकि तुमसे प्रेरित होकर भविष्य में हमें और भी बहुत सी पूजा मिलें| 

पसीने की स्याही से जो लिखते हैं अपने इरादों को!उनके मुकद्दर के पन्ने कभी कोरे नहीं होते|| 

टॅग्स :प्रेरणादायकबोर्ड परीक्षा 2018
Open in App

संबंधित खबरें

फील गुड1200 रुपये की नौकरी छोड़ी, अब चलाती हैं 9800 करोड़ की कंपनी, जानिए कौन है यह सुपरवुमन

भारतDelhi Police: 9 साल पहले दिल्ली पुलिस में भर्ती हुए एसआई ने शाम के भोजन को कहा ना, देखें वीडियो

ज़रा हटकेराखी सोनार का सफर किसी प्रेरणादायक फिल्म की कहानी से कम नहीं है, जीत चुकी हैं मिसेज इंडिया इंटरनेशनल, 2018 का ताज

भारतस्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथि पर पढ़ें उनके ये अनमोल विचार आपके जीवन भर देंगे पॉजिटिव एनर्जी

फील गुडसड़क किनारे पिता करते थे जूतों की सिलाई, बेटा कर रहा था पढ़ाई, अधिकारी ने कहा- हो कहीं भी आग लेकिन आग लगनी चाहिए

फील गुड अधिक खबरें

फील गुडरांची के फिल्मकार अनुज कुमार की फिल्म 'चेरो' और 'बथुड़ी' ऑनलाइन हुई लॉन्च

फील गुडरॉकी पॉल: भारतीय फैशन इंफ्लुएंसर का अनूठा व्यक्तित्व

फील गुडमजदूरों के बच्चों को शिक्षा के पंख देती और उनकी अँधेरी जिंदगी में रंग भरती शिक्षिका सरस्वती पद्मनाभन

फील गुडनोएडा के युवा लाइफस्टाइल इन्फ्लुएंसर कार्तिकेय चौहान की सफलता की कहानी

फील गुडहादसे में दोनों हाथ गंवाने के बाद भी लड़की ने नहीं मानी हार, पैरों से लिखकर 10वीं में हुई पास