हादसे में दोनों हाथ गंवाने के बाद भी लड़की ने नहीं मानी हार, पैरों से लिखकर 10वीं में हुई पास
By दीप्ती कुमारी | Published: September 8, 2021 02:19 PM2021-09-08T14:19:09+5:302021-09-08T14:20:00+5:30
जब आपकी चाहत और साहस का साथ आपको मिल जाए तो आप कमाल कर सकते हो । जो दुनिया सोच नहीं सकती है । आप वह सबकुछ कर सकते हैं । ऐसे ही कुछ पटना की तनु कुमारी ने दुघर्टना में दोनों हाथ गंवाने के बाद किया ।
पटना : इंसान का सबसे बड़ा हथियार उसका साहस है । अगर आपमें सारी विषमताओं को पार पाने का साहस है तो आप कुछ भी जीत सकते हो । बिहार के पटना की रहने वाली एक 14 वर्षीय विकलांग लड़की ने अपने जीवन में ऐसा ही साहस दिखाया और जीवन के दुख के आगे हार मानने से इनकार कर दिया । लड़की ने एक दुर्घटना में अपने दोनों हाथ खो दिए थे, जिसके बाद उसने अपने पैर की उंगलियों से लिखना सीखकर अपनी शिक्षा को जारी रखा । वह एक सरकारी स्कूल में पढ़ती है और कक्षा 10 में एक रेगुलर छात्र के रूप में नामांकित है । एएनआई (ANI) से बात करते हुए, तनु कुमारी ने कहा कि वह एक शिक्षक बनने की ख्वाहिश रखती हैं और वह अपने सपनों को पूरा करने के लिए पूरी मेहनत कर रही है ।
उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि मैं अपनी विकलांगता के कारण पीछे रह जाऊंगी । दुर्घटना के बाद, मैंने धीरे-धीरे अपने पैर की उंगलियों से लिखना सीखा लिया है । पढ़ाई के अलावा, मुझे खेल और पेंटिंग में भी भाग लेना पसंद है ।’
Bihar | Tanu Kumari, a Patna-based girl, who lost both her hands in an accident in 2014, gets promoted to class 10
— ANI (@ANI) September 6, 2021
"After the accident, I slowly learned how to write with my feet. I also like to participate in sports and painting activities. I want to become a teacher," she says pic.twitter.com/UcGYyqTlAm
तनु की मां सुहा देवी को अपनी बेटी पर पूरा भरोसा है । उन्होंने कहा कि उन्हें अपनी बेटी पर गर्व है । उन्होंने कहा, ‘2014 में, जब वह छत पर खेल रही थी, उसने बिजली के तारों को छुआ, जिसके कारण उसने अपने हाथ खो दिए । शुरूआत में हमें बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ा, लेकिन मुझे खुशी है कि उसके पास अपने कामों को सीखने की इच्छाशक्ति है । मुझे उस पर बहुत गर्व है । उन्होंने यह भी कहा कि तनु ने विकलांग बच्चों के लिए आयोजित पेंटिंग प्रतियोगिताओं में पुरस्कार जीते है । किसी भी दिन अगर मैं उसे स्कूल न जाने के लिए कहती हूं, तो वह इस बात से इंकार कर देती है और कहती हैं कि मैं स्कूल जाएंगी । तनु पेंटिंग के अलावा पढ़ाई में भी अव्वल है ।’
पिता को अपनी बेटी पर नाज है
गैस सिलेंडर डिलीवरी मैन के तौर पर काम करने वाले तनु के पिता अनिल कुमार को उम्मीद है कि सरकार तनु को जरूरी मदद मुहैया कराएगी । उन्होंने कहा, ‘मैं एक गरीब आदमी हूं । मुझे कभी-कभी उम्मीद होती है कि सरकार हमारी मदद कर सकती है । पहले तनु एक निजी स्कूल में पढ़ती थी, लेकिन हमने उसे एक सरकारी स्कूल में शिफ्ट करा दिया । तनु की मां उसे खिलाने, नहाने और कपड़े बदलने में मदद करती हैं । हमें अपनी बेटी पर गर्व है. तनु ने हमसे कई बार कहा है कि वह अपनी पढ़ाई पूरी करना चाहती है ।’ तनु का सपना पूरा करने में उनके माता-पिता भी पूरा सहयोग कर रहे हैं । तनु ने अपने हिम्मत के दम पर न केवल खुद को बल्कि अपने माता-पिता को भी आशा की नई किरण दिखाई है ।