1200 रुपये की नौकरी छोड़ी, अब चलाती हैं 9800 करोड़ की कंपनी, जानिए कौन है यह सुपरवुमन
By धीरज मिश्रा | Published: October 29, 2023 05:27 PM2023-10-29T17:27:56+5:302023-10-29T17:31:29+5:30
1200 की नौकरी छोड़कर करोड़ों की कंपनी तक का सफर गजल ने महज कुछ वर्षों में ही पूरा कर लिया। आज उन्हें बिजनेसवूमेन के तौर पर पहचाना जाता है।
Success Story: महिलाएं हर फिल्ड में अपना नाम बना सकती हैं और पुरुष की तुलना में अधिक कामयाबी हासिल कर सकती हैं। इसका जीता जागता सबूत है। हरियाणा की रहने वाली गजल अलघ। गजल 9800 करोड़ की कंपनी चलाती हैं। वह मामाअर्थ नाम की कंपनी की सह संस्थापक भी हैं।
लेकिन कभी ऐसा भी दौर था जब गजल 1200 रुपये की नौकरी करती थी। 1200 की नौकरी छोड़कर करोड़ों की कंपनी तक का सफर गजल ने महज कुछ वर्षों में ही पूरा कर लिया। आज उन्हें बिजनेसवूमेन के तौर पर पहचाना जाता है। आइए जानते हैं कि कंपनी शुरु करने के पीछे गजल की क्या कहानी है।
Honasa etched in henna - wearing my life's work with pride. pic.twitter.com/HEdBggTurR
— Ghazal Alagh (@GhazalAlagh) October 27, 2023
डीएनए के अनुसार गजल हरियाणा के गुरुग्राम की रहने वाली हैं और एक मिडिल क्लास परिवार से आती हैं। उन्होंने हरियाणा में ही अपनी औपचारिक शिक्षा और प्रारंभिक बचपन की शिक्षा पूरी की। गजल ने साल 2010 में पंजाब विश्वविद्यालय से कंप्यूटर एप्लीकेशन में अपनी डिग्री हासिल की। उन्होंने साल 2013 में न्यूयॉर्क एकेडमी ऑफ ऑर्ट में डिजायन और एप्लाइड आर्ट्स में अपना ग्रीष्मकालीन पाठ्यक्रम और आधुनिक कला में पाठ्यक्रम पूरा किया।
My first income was modest, earning Rs 1200/day as a weekend corporate trainer.
— Ghazal Alagh (@GhazalAlagh) October 16, 2023
I recall the joy of taking my mom shopping and sharing a memorable dinner.
What about you? How did you use your first earnings?
गजल की नौकरी की शुरुआत एक कॉर्पोरेट ट्रेनर के तौर पर हुई। साल 2008 से लेकर साल 2010 तक उन्होंने एनआईआईटी लिमिटेड में ट्रेनर के तौर पर काम किया। इस दौरान उन्होंने विभिन्न आईटी विशेषज्ञों को सॉफ्टवेयर और कोडिंग भाषा का प्रशिक्षण दिया।
जब हुई गर्भवती तो कंपनी बनाने का ख्याल आया
गजल ने साल 2016 में अपने पति के साथ मामा अर्थ नाम की कंपनी की नींव रखी। पर्यावरण के प्रति उनके प्रेम ने उन्हें नई माताओं और शिशुओं के लिए पर्यावरण अनुकूल उत्पाद बनाने के लिए प्रेरित किया। गजल जब गर्भवती थी तो उनके पति वरुण यह सुनिश्चित करना चाहते थे कि वे बच्चे को सुरक्षित रखने के लिए सभी आवश्यक सावधानियां बरते सकें। एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि उन्हें अपने बच्चे के लिए टॉक्सिन फ्री बेबी प्रोड्क्टस चाहिए थे।
2014: I was a mother and a budding artist
— Ghazal Alagh (@GhazalAlagh) August 8, 2023
2023: I am a mother, an artist, an entrepreneur, a speaker and an investor.
Was this a smooth sail? Not really and it did hit me more being a woman-entrepreneur. pic.twitter.com/BTs0bxo326
लेकिन देश में उन्हें टॉक्सिन फ्री आइटम नहीं मिले। यहीं वजह है कि उन्हें विदेशों से टॉक्सिन आइटम मंगवाने पड़े। यहीं से दोनों ने मिलकर पहले स्टार्टअप शुरु किया। यहां उन्होंने मामाअर्थ के नाम से बाजार में अपने प्रोडेक्ट बाजार में उतारे। वरुण और गजल की कंपनी 25 लाख रुपये के निवेश से बढ़कर 9800 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है।