World Tourism Day : विश्व पर्यटन दिवस दुनियाभर में पर्यटन के महत्व और इसके सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक प्रभाव को उजागर करने के लिए मनाया जाता है। हर साल 27 सितंबर को आयोजित होने वाला यह दिन अंतरराष्ट्रीय एकता, शांति, सौहार्द्र और आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा देने में पर्यटन की शक्ति की ओर वैश्विक ध्यान आकर्षित करता है।
इस दिवस की 2024 की थीम है ‘पर्यटन और शांति।’ दुनिया में शांति को बढ़ावा देने में पर्यटन की भूमिका महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह अंतर-सांस्कृतिक बातचीत को प्रोत्साहित करता है। लोग जितना अधिक यात्रा करते हैं, उतना ही वे विविध संस्कृतियों का अनुभव करते हैं, जिससे अधिक सहिष्णुता और समझ विकसित होती है, एक दूसरे के नजदीक आने का अवसर मिलता है।
इससे शांति, अमन एवं सौहार्द्र का वातावरण निर्मित होता है. पर्यटन बाधाओं को तोड़ सकता है और राष्ट्रों के बीच स्थायी बंधन बना सकता है। यह रोजगार प्रदान करके और स्थायी प्रथाओं को बढ़ावा देकर स्थानीय समुदायों को ऊपर उठाने में भी मदद करता है, इस प्रकार क्षेत्रों की दीर्घकालिक शांति और समृद्धि में योगदान देता है।
पर्यटन न केवल एक आर्थिक चालक है, बल्कि एक अधिक समावेशी और शांतिपूर्ण दुनिया बनाने का एक साधन भी है। पर्यटन क्षेत्र वैश्विक अर्थव्यवस्था को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ावा देता है और लाखों नौकरियां प्रदान करता है। यह स्थानीय व्यवसायों का समर्थन करता है और सामुदायिक बुनियादी ढांचे में निवेश को प्रोत्साहित करता है।
पर्यटन लोगों को अपनी संस्कृतियों, परंपराओं और ज्ञान को साझा करने का अवसर देता है. यह आदान-प्रदान सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और विविध समुदायों के बीच सम्मान, सौहार्द्र, सद्भावना और समझ को बढ़ावा देने में मदद करता है। संधारणीय पर्यटन प्रथाएं यात्रियों को पर्यावरण की रक्षा करने और जिम्मेदारी से यात्रा करने के लिए प्रोत्साहित करती हैं. इससे पारिस्थितिकी मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाने में मदद मिलती है और हमारे ग्रह की बेहतर देखभाल को बढ़ावा मिलता है।
पर्यटन से स्थानीय क्षेत्रों में बेहतर सुविधाएं और सेवाएं मिल सकती हैं, जिससे आगंतुकों और निवासियों दोनों को लाभ होगा. यह विकास स्थानीय समुदायों के जीवन की गुणवत्ता को बढ़ा सकता है। भारत में पर्यटन उद्योग ने हाल के वर्षों में उल्लेखनीय वृद्धि दिखाई है।
भारत असंख्य पर्यटन अनुभवों और मोहक स्थलों का देश है। चाहे भव्य स्मारक हों, प्राचीन मंदिर या मकबरे हों, नदी-झरने, प्राकृतिक मनोरम स्थल हो, इसके चमकीले रंगों और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रौद्योगिकी से चलने वाले इसके वर्तमान से अटूट संबंध है। केरल, शिमला, गोवा, आगरा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, मथुरा, काशी जैसी जगहें तो पर्यटकों के लिए हमेशा चर्चा में रहती हैं।