इस बजट में समावेशी विकास, वंचितों को वरीयता, नौकरीपेशा को थोड़ी राहत, बुनियादी ढांचे में निवेश, पर्यटन को बढ़ावा, आदिवासी उन्नयन, क्षमता विस्तार, हरित एवं कृषि विकास, महिलाओं एवं युवाओं की भागीदारी, मोदी के नए भारत-सशक्त भारत-विकसित पर बल दिया गया है. ...
विश्व आर्थिक मंच द्वारा हाल ही में प्रस्तुत किए गए लैंगिक अंतर के आंकड़ों ने एक ज्वलंत प्रश्न खड़ा किया है कि शिक्षा, आय, सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र में आधी दुनिया को उसका हक क्यों नहीं मिल पा रहा है? निस्संदेह, हमारे सत्ताधीशों को सोचना चाहिए कि लैंग ...
एक बड़ा प्रश्न है कि वृद्धों की उपेक्षा एवं दुर्व्यवहार के इस गलत प्रवाह को किस तरह से रोकें? क्योंकि सोच के गलत प्रवाह ने न केवल वृद्धों का जीवन दुश्वार कर दिया है बल्कि आदमी-आदमी के बीच के भावनात्मक फासलों को भी बढ़ा दिया है। ...
इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन फॉर माइग्रेशन (आईओएम) की 7 मई 2024 को जारी विश्व प्रवासन रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2024 में भारत विदेशों में काम करने वाले भारतीय कामगारों से सबसे ज्यादा धन पाने वाले देशों के रूप में सूचीबद्ध हुआ है. ...
Lok Sabha Elections 2024: जनतंत्र के स्वस्थ मूल्यों को बनाए रखने के लिए चुनाव की स्वस्थता, पारदर्शिता, मितव्ययिता और उसकी शुद्धता अनिवार्य है. चुनाव की प्रक्रिया गलत होने पर लोकतंत्र की जड़ें खोखली होती चली जाती हैं. ...
किसी भी देश में यह भ्रम पैदा नहीं होना चाहिए कि भारत हाथ पर हाथ धरे बैठा रहा है। भारत ने उचित ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को यह भी बता दिया है कि वह सभी संबंधित पक्षों के संपर्क में है और उनसे बातचीत की मेज पर लौटने का आग्रह कर रहा है। ...
विश्व गौरैया दिवस 20 मार्च को दुनियाभर में मनाने का उद्देश्य गौरैया पक्षी की लुप्त होती प्रजाति को बचाना है। पेड़ों की अंधाधुंध होती कटाई, आधुनिक शहरीकरण और लगातार बढ़ रहे प्रदूषण से गौरैया विलुप्त होने के कगार पर पहुंच चुकी है। ...
लापरवाही के कारण बढ़ते हादसे चिंता का बड़ा सबब हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, सड़क हादसों की संख्या में 11.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई और उनसे होने वाली मृत्यु की दर 9.4 प्रतिशत बढ़ी। ...