हिंदू देशभक्त पत्रिका के संपादक क्रिस्टोदास पाल, न्यायमूर्ति बदरुद्दीन तैयब जी एवं अंजुमन-ए-पंजाब की तरफ से जवाब दाखिल करते हुए कहा गया कि भारत में अभी बालिकाओं की शिक्षा को सह-शिक्षा के रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता है। ...
लोकतंत्र, अंततोगत्वा किसी तानाशाह के बारे में नहीं है जो अपनी इच्छा को सब पर थोपे। यह बीच का रास्ता खोजने पर आधारित है और चरम सीमाओं की अस्वीकृति है। ...
इस समय तक वैचारिक आधार कमजोर पड़ने लगा था और सियासत उद्योग की शक्ल लेने लगी थी। इसलिए पूंजी के दखल से खुद को न राष्ट्रीय पार्टियां मुक्त रख पाईं और न ही क्षेत्रीय दल अपने को बचा पाए। ...
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुखिया मोहन भागवत ने कहा है कि अंग्रेजों के आने के पहले भारत में 70 प्रतिशत लोग शिक्षित थे जबकि इंगलैंड में उस समय सिर्फ 17 प्रतिशत अंग्रेज शिक्षित थे. अंग्रेजों ने, खासकर लॉर्ड मैकाले ने जो शिक्षा पद्धति भारत में चलाई, उसक ...
परियोजनाओं के समय पर पूरा नहीं होने से होने वाला नुकसान इस मायने में महत्वपूर्ण हो जाता है कि परियोजनाओं की देरी के चलते लाखों करोड़ रुपए का नुकसान होने के साथ ही लोगों को मिलने वाली सुविधाओं में भी अनावश्यक देरी होती है। ...
पंजाब में ‘वारिस पंजाब दे’ के स्वयंभू प्रमुख अमृत पाल सिंह से जुड़े मामले पर भाजपा कुछ भी कहने से अभी बच रही है. भाजपा द्वारा संभवत: सभी नेताओं को इस मुद्दे पर टिप्पणी न करने के लिए एक अनौपचारिक सलाह जारी की गई थी. ...
विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र की राष्ट्रपति के रूप में मेरा चुनाव, महिला सशक्तिकरण की गाथा का एक अंश है. मुझे पूरा विश्वास है कि हमारा भविष्य उज्ज्वल है. मैंने अपने जीवन में देखा है कि लोग बदलते हैं, नजरिया भी बदलता है. ...
एक दौर था जब होली पर अटल बिहारी वाजपेयी के आवास पर भव्य होली मिलन का कार्यक्रम आयोजित होता था। उसमें तमाम राजनीतिककार्यकर्ता, नेता, लेखक, पत्रकार, कवि आदि भाग लेते थे। अटलजी खुद सब अतिथियों को गुलाल लगाया करते थे। उनके देश के मौजूदा प्रधानमंत्री नरें ...
दुनिया में तरह-तरह की तकनीक व्यापार-वाणिज्यिक कार्यों को सहायता कर रही हैं, लेकिन कृषि क्षेत्र में कभी टमाटर का उत्पादन भारी पड़ता है, कभी फूल गोभी की फसल पर ट्रैक्टर चलाना पड़ता है तो कभी धनिया, कभी टमाटर को फेंकना पड़ता है। ...
भारत की दो दवा-निर्माता कंपनियां सवालों के घेरे में हैं। दवा में मिलावट जैसे अपराध के लिए किसी भी हाल में सख्त से सख्त सजा दोषियों को देनी चाहिए। ऐसी करतूत न केवल जानलेवा है बल्कि भारत की साख पर भी बट्टा लगाते हैं। ...