वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: दवाओं में मिलावट! ऐसे मिलावटखोरों को मिले कठोरतम सजा

By वेद प्रताप वैदिक | Published: March 6, 2023 01:57 PM2023-03-06T13:57:07+5:302023-03-06T14:00:12+5:30

भारत की दो दवा-निर्माता कंपनियां सवालों के घेरे में हैं। दवा में मिलावट जैसे अपराध के लिए किसी भी हाल में सख्त से सख्त सजा दोषियों को देनी चाहिए। ऐसी करतूत न केवल जानलेवा है बल्कि भारत की साख पर भी बट्टा लगाते हैं।

Ved Pratap Vaidik's Blog: Adulteration in Medicines! The harshest punishment should be given to such adulterants | वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: दवाओं में मिलावट! ऐसे मिलावटखोरों को मिले कठोरतम सजा

वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: दवाओं में मिलावट! ऐसे मिलावटखोरों को मिले कठोरतम सजा

हमारी दो दवा-निर्माता कंपनियों के कारनामों से सारी दुनिया में भारत की बदनामी हो रही है. इस बदनामी से भी ज्यादा दर्दनाक बात यह है कि इन दोनों कंपनियों-मेडेन फार्मा और मेरियन बायोटेक-की दवाइयों से गांबिया में 60 बच्चों और उजबेकिस्तान में 16 बच्चों की मौत हो गई. जब पहले-पहल ये खबरें मैंने अखबारों में देखी तो मैं दंग रह गया. मुझे लगा कि भारत से अरबों रुपए की दवाइयों का जो निर्यात हर साल होता है, उस पर इन घटनाओं का काफी बुरा असर पड़ेगा. भारत की प्रामाणिक दवाइयों पर भी विदेशियों के मन में संदेह पैदा हो जाएगा. 

हमारी दवाएं अमेरिका और यूरोप की तुलना में बहुत सस्ती होती हैं. मुझे यह भी लगा कि इस मामले ने यदि तूल पकड़ लिया तो एशिया और अफ्रीका के जिन गरीब मरीजों की सेवा इन दवाइयों से होती है, अब वे वंचित हो जाएंगे. हो सकता है कि गांबिया और उजबेकिस्तान के उन बच्चों की मौत का कारण कुछ और रहा हो. लगभग दो माह पहले जब ये खबरें आईं तो यह भी अपुष्ट सूत्रों ने कहा कि इन दवाइयों के नमूनों की जांच यहीं की गई है और वे ठीक पाई गई हैं लेकिन इन देशों के जांचकर्ताओं ने अब जांच पूरी होने पर कहा है कि इन दवाइयों में कुछ नकली और हानिकर तरलों को मिला देने के कारण ही ये जानलेवा बन गई थीं. 

इस निष्कर्ष की पुष्टि अब एक अमेरिका की एक जांच कंपनी ने भी कर दी है. भारत सरकार ने इन कंपनियों के खिलाफ पुलिस में रपट लिखवा दी है और उनके कुछ कर्मचारियों को गिरफ्तार भी कर लिया है लेकिन दोनों कंपनियों के मालिक और वरिष्ठ प्रबंधक फरार हैं. यदि उनको विश्वास है कि उनकी दवाइयों में कोई मिलावट नहीं की गई है तो उन्हें डरने की जरूरत क्या है? 

यह भी हो सकता है कि मालिकों और मैनेजरों की जानकारी के बिना भी मिलावट की गई होगी. यदि ऐसा है तो उन कर्मचारियों को कठोरतम सजा दी जानी चाहिए और यदि मालिक और प्रबंधक भी इस जानलेवा मिलावटखोरी के लिए जिम्मेदार हैं तो उनकी सजा तो और भी सख्त होनी चाहिए. इन लोगों पर दस-बीस लाख या करोड़ रुपए का जुर्माना बेमतलब होगा.

Web Title: Ved Pratap Vaidik's Blog: Adulteration in Medicines! The harshest punishment should be given to such adulterants

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