लाइव न्यूज़ :

Marathi-Hindi: भाषा तोड़ने नहीं, जोड़ने का माध्यम बने?, 22 भाषाएं हमारी राष्ट्रभाषाएं, सब पर हमें गर्व

By विश्वनाथ सचदेव | Updated: July 16, 2025 05:30 IST

Marathi-Hindi: हाल के दिनों में महाराष्ट्र में भाषा की जो राजनीति चल रही है उसे देखते हुए यह प्रकरण सामान्य से थोड़ा हटकर लग रहा है.

Open in App
ठळक मुद्देप्रधानमंत्री द्वारा निकम के साथ मराठी में बोलने वाली यह बात जिस दिन अखबार में छपी.मराठी में नहीं बोल पा रहा था- हिंदी में बोल रहा था? रिक्शा चालक उत्तर प्रदेश का था,शिवसेना के कार्यकर्ताओं का मानना था कि उसे अपनी कर्मभूमि की भाषा मराठी का अपमान करने का अधिकार नहीं है.

पाकिस्तानी आतंकवादी कसाब को फांसी के फंदे तक पहुंचाने वाले एडवोकेट उज्ज्वल निकम को राष्ट्रपति ने राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है.  निकम के अनुसार यह सूचना उन्हें प्रधानमंत्री मोदी ने टेलीफोन पर संपर्क करके दी थी.  प्रधानमंत्री ने फोन पर एडवोकेट निकम से कहा था कि मैं मराठी में बोलूं या हिंदी में? इस पर निकम कुछ हंस दिए, पर प्रधानमंत्री ठहाका लगाकर हंसे थे. वैसे प्रधानमंत्री का मराठी में बोलना और निकम एवं मोदीजी का हंसना स्वाभाविक-सी बात है, पर हाल के दिनों में महाराष्ट्र में भाषा की जो राजनीति चल रही है उसे देखते हुए यह प्रकरण सामान्य से थोड़ा हटकर लग रहा है.

प्रधानमंत्री द्वारा निकम के साथ मराठी में बोलने वाली यह बात जिस दिन अखबार में छपी, उस दिन एक अन्य समाचार भी छपा था. यह समाचार मुंबई के उपनगर विरार का था, जहां उद्धव ठाकरे वाली शिवसेना के कुछ कार्यकर्ताओं ने एक रिक्शा वाले की इसलिए पिटाई कर दी कि वह मराठी में नहीं बोल पा रहा था- हिंदी में बोल रहा था? रिक्शा चालक उत्तर प्रदेश का था,

और शिवसेना के कार्यकर्ताओं का मानना था कि उसे अपनी कर्मभूमि की भाषा मराठी का अपमान करने का अधिकार नहीं है. महाराष्ट्र में मराठी न बोल पाना मराठी भाषा का अपमान कैसे हो गया, पता नहीं, पर प्रधानमंत्री द्वारा एडवोकेट निकम से मराठी में बोलना यह संकेत तो दे ही रहा है कि राज्य में भाषा को लेकर फिर से उठा यह विवाद अप्रिय स्थितियां उत्पन्न कर रहा है.

महाराष्ट्र में आकर जीविका कमाने वाले को राज्य की भाषा आनी चाहिए, इस बात से किसी को कोई एतराज नहीं होना चाहिए. सच बात तो यह है कि एक से अधिक भारतीय भाषाएं जानने वाले भारतीय को इस बात पर गर्व होना चाहिए कि वह बहुभाषी है.  संविधान की आठवीं सूची में सम्मिलित की गई सभी 22 भाषाएं हमारी राष्ट्रभाषाएं हैं. सब पर हमें गर्व है.

इनमें से किसी एक का भी अपमान समूची भारतीयता का अपमान है. अर्थात स्वयं अपना अपमान. कोई क्यों करना चाहेगा भला अपना अपमान? बहरहाल,  भाषा के नाम पर जिस तरह देश में द्वेष का वातावरण पनप रहा है, वह किसी भी विवेकशील नागरिक की चिंता का विषय होना चाहिए.

किसी रिक्शा वाले को, किसी दुकानदार को, किसी सरकारी कर्मचारी को ‘कान के नीचे बजाने’ की भाषा में धमकी देना किसी भी दृष्टि से सही नहीं ठहराया जा सकता. भाषा की अपनी मर्यादा होती है उसका पालन होना ही चाहिए.

भाषा के नाम पर की जाने वाली राजनीति को भी स्वीकार नहीं किया जा सकता, इस राजनीति की भर्त्सना जरूरी है. आज भाषा के नाम पर महाराष्ट्र में जो कुछ हो रहा है, उसके औचित्य पर सवालिया निशान लगना ही चाहिए और उत्तर हर विवेकशील नागरिक को देना है.

टॅग्स :हिन्दीमहाराष्ट्रउद्धव ठाकरेराज ठाकरेमुंबई
Open in App

संबंधित खबरें

भारतMaharashtra Civic Poll 2025 UPDATE: पूरे राज्य में मतगणना स्थगित, 21 दिसंबर को नए नतीजे की तारीख तय, सीएम फडणवीस ‘त्रुटिपूर्ण’ प्रक्रिया पर जताई नाराजगी

भारतIndiGo Flight: कुवैत से हैदराबाद जा रहे विमान को मुंबई किया गया डायवर्ट, 'ह्यूमन बम' की धमकी के बाद एक्शन

भारतMaharashtra Local Body Elections: महाराष्ट्र निकाय चुनाव के लिए वोटिंग शुरू, भाजपा और शिवसेना के बीच मुकाबला

भारतMaharashtra Local Body Polls 2025: राज्य के 242 नगर परिषदों और 46 नगर पंचायतों में 2 दिसंबर को मतदान, 3 को होगी मतगणना

भारतमहाराष्ट्र सीएम देवेंद्र फडणवीस ने आखिरी समय में नगर निगम चुनाव टालने के लिए चुनाव आयोग की आलोचना की | VIDEO

भारत अधिक खबरें

भारतPutin Visit India: भारत का दौरा पूरा कर रूस लौटे पुतिन, जानें दो दिवसीय दौरे में क्या कुछ रहा खास

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतIndiGo Crisis: सरकार ने हाई-लेवल जांच के आदेश दिए, DGCA के FDTL ऑर्डर तुरंत प्रभाव से रोके गए

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक

भारतBihar: तेजप्रताप यादव ने पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर