लाइव न्यूज़ :

ब्लॉग: भूजल हालत में थोड़ा सुधार हुआ, लेकिन खतरा बड़ा है

By पंकज चतुर्वेदी | Updated: December 18, 2023 09:30 IST

जलवायु परिवर्तन के कुप्रभाव के चलते बरसात का अनियमित और असमय होना तो है ही। ऐसे में पानी का सारा दारोमदार भूजल पर है, जो कि अनंत काल तक चलने वाला स्रोत कतई नहीं है।

Open in App

पिछले दिनों भारत सरकार द्वारा जारी एक रिपोर्ट ने यह सुखद समाचार दिया है कि पिछले साल की तुलना में इस बार देश के कई हिस्सों में भूजल के हालात सुधरे हैं।

वर्ष 2023 के लिए पूरे देश के सक्रिय भूजल संसाधन मूल्यांकन रिपोर्ट से पता चलता है कि पूरे देश के लिए कुल वार्षिक भूजल पुनर्भरण 449.08 अरब घन मीटर (बीसीएम) है, जो पिछले वर्ष 2022 की तुलना में 11.48 बीसीएम अधिक है।

यह मूल्यांकन केंद्रीय भूजल बोर्ड और राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा संयुक्त रूप से किया गया है। यह सुधार एक आशा तो है लेकिन जान लें कि हमारे देश में भूजल के हालात बहुत खतरनाक की हद तक हैं।

विदित हो कि अभी दो महीने पहले ही संयुक्त राष्ट्र विश्वविद्यालय - पर्यावरण और मानव सुरक्षा संस्थान (यूएनयू-ईएचएस) के शोध में चेताया गया था कि भारत में भूजल की कमी चरम बिंदु तक पहुंचने के करीब है। रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब में 78% भूजल स्रोत अतिदोहित हैं और पूरे उत्तर-पश्चिमी भारत में खतरा मंडरा रहा है कि 2025 तक भूजल कहीं पाताल में न पहुंच जाए।

समझना होगा कि भारत दुनिया में भूजल का सबसे बड़ा उपयोगकर्ता है, जो अमेरिका और चीन के संयुक्त उपयोग से अधिक है। भारत का उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र देश की बढ़ती एक अरब 40 करोड़ आबादी के लिए पेट भरने का खजाना कहलाता है। पंजाब और हरियाणा राज्य देश की 50% चावल आपूर्ति और 85% गेहूं का उत्पादन करते हैं।

देश का बड़ा हिस्सा पेयजल और खेती के लिए भूजल पर निर्भर है। जिस देश में भूजल ने हरित क्रांति को संवारा और जिसके चलते भारत एक खाद्य-सुरक्षित राष्ट्र बन गया, वहीं बहुमूल्य संसाधन अतिदोहन के चलते अब खतरे में हैं. एक तरफ हर घर नल योजना है तो दूसरी तरफ अधिक अन्न उगाने का दबाव और साथ ही सतह के जल के भंडार जैसे- नदी, तालाब, झील आदि सिकुड़ रहे हैं या उथले हो रहे हैं। जलवायु परिवर्तन के कुप्रभाव के चलते बरसात का अनियमित और असमय होना तो है ही। ऐसे में पानी का सारा दारोमदार भूजल पर है, जो कि अनंत काल तक चलने वाला स्रोत कतई नहीं है।

भारत के 360 जिलों, यानी 63 प्रतिशत, अर्थात लगभग दो-तिहाई जिलों में भूजल स्तर की गिरावट गंभीर श्रेणी में पहुंच गई है। कई जगह भूजल दूषित हो रहा है। चिंताजनक बात यह है कि जिन जिलों में भूजल स्तर 8 मीटर से नीचे चला गया है। 

टॅग्स :Water Resources Departmentभारत
Open in App

संबंधित खबरें

भारत‘पहलगाम से क्रोकस सिटी हॉल तक’: PM मोदी और पुतिन ने मिलकर आतंकवाद, व्यापार और भारत-रूस दोस्ती पर बात की

भारतPutin India Visit: एयरपोर्ट पर पीएम मोदी ने गले लगाकर किया रूसी राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत, एक ही कार में हुए रवाना, देखें तस्वीरें

भारतPutin India Visit: पुतिन ने राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी, देखें वीडियो

भारतPutin Visit India: राष्ट्रपति पुतिन के भारत दौरे का दूसरा दिन, राजघाट पर देंगे श्रद्धांजलि; जानें क्या है शेड्यूल

भारतपीएम मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन को भेंट की भगवत गीता, रशियन भाषा में किया गया है अनुवाद

भारत अधिक खबरें

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतIndiGo Crisis: सरकार ने हाई-लेवल जांच के आदेश दिए, DGCA के FDTL ऑर्डर तुरंत प्रभाव से रोके गए

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक

भारतBihar: तेजप्रताप यादव ने पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर

भारतबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम हुआ लंदन के वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज, संस्थान ने दी बधाई