जैसे ही प्रकृति ने अपना आशीष बरसाया और ताल-तलैया, नदी-नाले उफन कर धरा को अमृतमय करने लगे, अजीब तरह से समाज का एक वर्ग इसे जल प्रलय, हाहाकार जैसे शब्दों से निरूपित करने लगा. ...
देश की राजधानी दिल्ली भी अजब है, जब पानी की कमी को लेकर अनशन, धरने-प्रदर्शन चल रहे थे, ठीक उसी समय आषाढ़ की पहली फुहार गिरी और शहर के कई हिस्सों में बस-डुब्बा पानी भर गया. ...
लगभग 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवाओं के साथ धूल भरी आंधी ने जयपुर, सीकर, दौसा और झुंझुनू में कहर बरपाया, जिससे पहले से ही चिलचिलाती गर्मी से जूझ रहे निवासियों के सामने चुनौतियां और बढ़ गईं. ...
मारा लोकतंत्र भी एक ऐसे अपेक्षाकृत आदर्श चुनाव प्रणाली की बाट जोह रहा है, जिसमें कम से कम सभी मतदाताओं का पंजीयन हो और मतदान तो ठीक तरीके से होना सुनिश्चित हो सके। ...
कर्नाटक के मुख्यमंत्री के अपने जिले में दूषित जल से एक युवक मारा गया जबकि सैकड़ों बीमार हो गए। एक तरफ देश के हर हिस्से में बढ़ता तापमान समस्या बना है तो उसके साथ गर्मी से राहत का एकमात्र सहारा जल ही जहर बन गया है। ...
हाईकोर्ट की कमेटी बताती है कि अभी भी अकेले पूर्वी जयंतिया जिले की चूहा-बिल खदानों के बाहर 14 लाख मीट्रिक टन कोयला पड़ा हुआ है जिसको यहां से हटाया जाना है। ...