CISF Raising Day 2025: 10 मार्च को सीआईएसएफ (केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल) द्वारा ‘सुरक्षित तट, समृद्ध भारत’ थीम के साथ अपना 56वां स्थापना दिवस मनाया जा रहा है. सीआईएसएफ भारत के प्रमुख अर्धसैनिक बलों में से एक है, जिसकी स्थापना 10 मार्च 1969 को हुई थी और तभी से यह संगठन देश की संपत्तियों और बुनियादी ढांचे की सुरक्षा को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. अर्धसैनिक बल के रूप में सीआईएसएफ को समर्पण और भारत में सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जाना जाता है.
2025-26 के लिए सीआईएसएफ का बजट 13 हजार करोड़ रुपए से अधिक है, जो इसकी बढ़ती जिम्मेदारियों और राष्ट्रीय सुरक्षा में इसके महत्व को दर्शाता है. सीआईएसएफ गृह मंत्रालय के अधीन एक सशस्त्र बल है, जो भारत में औद्योगिक इकाइयों और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को सुरक्षा प्रदान करने के लिए जिम्मेदार है.
यह बल सुरक्षा सेवाओं से लेकर राष्ट्र की संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने तक हर चीज का ख्याल रखता है. यह देश की महत्वपूर्ण औद्योगिक इकाइयों, सरकारी प्रतिष्ठानों, हवाई अड्डों, मेट्रो रेल, परमाणु एवं अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्रों, बंदरगाहों, ऐतिहासिक धरोहरों और अन्य महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिए स्थापित किया गया था.
अपने 56वें स्थापना दिवस के अवसर पर सीआईएसएफ द्वारा तटीय क्षेत्रों में राष्ट्रीय सुरक्षा के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से पहली बार ‘ग्रेट इंडियन कोस्टल साइक्लोथॉन’ का आयोजन किया जा रहा है. साइक्लोथॉन को 7 मार्च को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा तमिलनाडु के रानीपेट जिले के तक्कोलम में सीआईएसएफ के क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्र से वर्चुअली हरी झंडी दिखाई गई थी.
साइक्लोथॉन की यह पहल खेल आयोजन से कहीं बढ़कर है, जिसमें 25 दिन में 6553 किलोमीटर की दूरी तय की जाएगी. सीआईएसएफ का आदर्श वाक्य है ‘सुरक्षा और संरक्षा’, जो सीआईएसएफ के जवानों के समर्पण और सेवा की भावना को दर्शाता है. भारत में औद्योगिकीकरण के बढ़ते दौर में देश के प्रमुख औद्योगिक प्रतिष्ठानों की सुरक्षा की आवश्यकता महसूस की गई थी, जिसके परिणामस्वरूप सीआईएसएफ की स्थापना की गई थी. सीआईएसएफ को संसद के एक अधिनियम के तहत स्थापित किया गया था और 15 जून 1983 को इसे एक सशस्त्र बल का दर्जा दिया गया था.
शुरुआत में इसकी स्थापना का मुख्य उद्देश्य सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को सुरक्षा प्रदान करना था. 1983 में सीआईएसएफ को हवाई अड्डों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई और 2009 में मेट्रो रेल की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी सौंपी गई. अपनी स्थापना के बाद से सीआईएसएफ ने कई महत्वपूर्ण मील के पत्थर हासिल किए हैं. 2009 में एक महत्वपूर्ण संशोधन के माध्यम से सीआईएसएफ को निजी क्षेत्र के प्रतिष्ठानों को सुरक्षा प्रदान करने की अनुमति मिली, जिससे यह देश के औद्योगिक सुरक्षा परिदृश्य में महत्वपूर्ण परिवर्तन का प्रतीक बन गया.