लाइव न्यूज़ :

ब्लॉग: बच्चों से बलात्कार के मामलों का बढ़ना बेहद चिंताजनक

By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Updated: January 30, 2024 10:31 IST

नेशनल क्राइम रिकार्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट के मुताबिक 2021 में जहां 18 साल से ज्यादा आयु की महिलाओं के साथ बलात्कार के कुल 28644 मामले दर्ज हुए थे, वहीं नाबालिगों के साथ बलात्कार की कुल 36069 घटनाएं हुईं।

Open in App
ठळक मुद्देबच्चों से बलात्कार के मामले तेजी से बढ़ने की खबरें सामने आ रही हैंबच्चों से बलात्कार के मामले वर्ष 2016 से 2022 के बीच 96 फीसदी बढ़े हैंपिछले कई दशकों से यह सिलसिला चला आ रहा है

बच्चों से बलात्कार के मामले जिस तेजी से बढ़ने की खबरें सामने आ रही हैं, वह बेहद चिंताजनक है। बाल अधिकार से जुड़े एनजीओ ‘सीआरवाई’ ने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के विश्लेषण से यह निष्कर्ष निकाला है कि बच्चों से बलात्कार के मामले वर्ष 2016 से 2022 के बीच 96 फीसदी बढ़े हैं, जिनमें सभी प्रकार के ‘पेनिट्रेटिव असॉल्ट’ शामिल हैं। 2016 में बच्चों से बलात्कार के मामले जहां 19765 थे, वहीं 2022 में यह आंकड़ा बढ़कर 38911 हो गया। हालांकि यह मामले 2016 से ही बढ़ना शुरू नहीं हुए हैं बल्कि पिछले कई दशकों से यह सिलसिला चला आ रहा है।  

वर्ष 2019 में आई एक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 1994 से 2016 के बीच बच्चों के साथ बलात्कार के मामलों में पांच गुना वृद्धि हुई थी। उस समय छह बाल अधिकार संगठनों द्वारा मिलकर जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार बच्चों के साथ बलात्कार की घटनाएं 1994 में 3986 थीं, जो 2016 में बढ़कर 19765 हो गईं. उस रिपोर्ट में कहा गया था कि ‘बड़ी संख्या में बच्चों की तस्करी न केवल यौन व्यापार के लिए की जाती है, बल्कि गैर-लिंग आधारित शोषण के अन्य रूपों के लिए भी की जाती है, जिसमें घरेलू श्रम, औद्योगिक श्रम, कृषि श्रम, भीख मांगना, अंग व्यापार और झूठी शादी शामिल है।’ 

नेशनल क्राइम रिकार्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट के मुताबिक 2021 में जहां 18 साल से ज्यादा आयु की महिलाओं के साथ बलात्कार के कुल 28644 मामले दर्ज हुए थे, वहीं नाबालिगों के साथ बलात्कार की कुल 36069 घटनाएं हुईं। ऐसा नहीं है कि इस अपराध से निपटने के लिए पर्याप्त कानून नहीं हैं. प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंसिस एक्ट (पॉक्सो) वर्ष 2012 में लागू किया गया था जिसका मकसद बच्चों को यौन उत्पीड़न और अश्लीलता से जुड़े अपराधों से बचाना है। 

इस कानून के तहत 18 साल से कम उम्र वालों को बच्चा माना गया है और बच्चों के खिलाफ अपराधों के लिए कड़ी सजा का प्रावधान है। ये कानून बच्चों के खिलाफ अपराधों को ‘जेंडर न्यूट्रल’ भी बनाता है अर्थात ये कानून लड़कियों और लड़कों दोनों के खिलाफ हुए अपराधों का संज्ञान लेता है। यह सच है कि इस कानून के कारण भी बच्चों के खिलाफ अपराध के आंकड़ों में वृद्धि हुई है क्योंकि पहले इस तरह के बहुत से मामले दर्ज ही नहीं हो पाते थे, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि अपराध के यह आंकड़े चिंताजनक नहीं हैं। दरअसल जिस तरह से ऑनलाइन पोर्नोग्राफी तक लोगों की पहुंच आसान हुई है, उसका बच्चों के खिलाफ यौन हिंसा में बड़ा योगदान है। कानून तो ऐसे अपराधियों को सजा देता ही है लेकिन सामाजिक स्तर पर भी ऐसा माहौल बनाना जरूरी है कि बच्चों के खिलाफ यौन हिंसा के मामलों में कमी आए।

टॅग्स :रेपक्राइमभारतchild
Open in App

संबंधित खबरें

भारत‘पहलगाम से क्रोकस सिटी हॉल तक’: PM मोदी और पुतिन ने मिलकर आतंकवाद, व्यापार और भारत-रूस दोस्ती पर बात की

भारतPutin India Visit: एयरपोर्ट पर पीएम मोदी ने गले लगाकर किया रूसी राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत, एक ही कार में हुए रवाना, देखें तस्वीरें

भारतPutin India Visit: पुतिन ने राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी, देखें वीडियो

भारतPutin Visit India: राष्ट्रपति पुतिन के भारत दौरे का दूसरा दिन, राजघाट पर देंगे श्रद्धांजलि; जानें क्या है शेड्यूल

भारतपीएम मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन को भेंट की भगवत गीता, रशियन भाषा में किया गया है अनुवाद

क्राइम अलर्ट अधिक खबरें

क्राइम अलर्टThane News: शौहर के तलाक न देने पर बेगम ने रची साजिश, भाई संग मिलकर किया कत्ल; गिरफ्तार

क्राइम अलर्टGhaziabad: मोदीनगर में नकाबपोश व्यक्ति ने 80 साल के ज्वेलरी शॉप के मालिक की चाकू मारकर हत्या की, फिर हमलावर से भिड़ा शख्स, देखें डिस्टर्बिंग वीडियो

क्राइम अलर्टUttar Pradesh: अमरोहा में दर्दनाक सड़क हादसा, खड़े ट्रक से टकराई कार, 4 युवकों की मौत

क्राइम अलर्टNoida News: सौतेले पिता ने 2 बच्चों को नाले में फेंका, राहगीरों ने समय रहते बचाया

क्राइम अलर्टमां नहीं हैवान! बेटे समेत 4 बच्चों को बेरहमी से मारा, साइको लेडी किलर ने बताई करतूत; गिरफ्तार