यदि ग्रीन हाउस गैसों की वृद्धि इसी तरह जारी रही तो दुनिया को लू, सूखे, बाढ़ व समुद्री तूफान जैसी प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ेगा. कुपोषण, पेचिश, दिल की बीमारियां एवं श्वसन संबंधी रोगों में इजाफा होगा. ...
भारत में केवल 15% जल का ही उपयोग होता है. इसके अलावा शेष बहकर समुद्र में चला जाता है और बेकार हो जाता है. भारत को इस पर ध्यान देना होगा, ताकि एक-एक बूंद का सही इस्तेमाल हो सके. इस मामले में इजराइल को बतौर उदाहरण देखा जा सकता है. ...
ओजोन वातावरण के स्ट्रेटोस्फीयर भाग में धरती की सतह से ऊपर 15 किमी से लेकर 40 किमी तक की ऊंचाई में पाई जाती है। धरती पर जीवन के लिए वातावरण में ओजोन परत की उपस्थिति जरूरी है। ...
1910 में बड़ौदा राज्य के शासक संभाजीराव गायकवाड़ ने पुस्तकालय आंदोलन की नींव डाली थी। यहीं पहली बार पुस्तकालय के विकास के बारे में सोचा गया। आंध्रप्रदेश में पूंजीपतियों ने अपने व्यक्तिगत पुस्तकालय स्थापति किए। ...
एक के बाद एक सरकारें इसी नीति पर चलती रहीं। सभी सरकारों द्वारा धड़ल्ले से निजी एवं डीम्ड विश्वविद्यालयों को मान्यता दी जाती रही। सरकारें बार-बार ये बताती रहीं कि हमारे देश के हालात को देखते हुए अभी और विश्वविद्यालय खोले जाने की जरूरत है। इस हड़बड़ी म ...
पिछले दिनों हमें चमोली में ग्लेशियर टूटने के कारण एक और बड़ी आपदा का सामना करना पड़ा. प्रारंभ से ही पहाड़ों पर अत्यधिक जल विद्युत परियोजनाओं का विरोध होता रहा है. ...