राजनीति का माहौल जिस तरह बिगड़ता रहा है उसके किरदारों के बीच अपवादस्वरूप सुषमा स्वराज ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत, भारतीयता और भाषा-भारती हिंदी तीनों का मस्तक ऊंचा उठाया ...
वैष्णव संत और कवि गोस्वामी तुलसीदास ने साधारण और सहज लोक के धरातल पर लोक-भाषा में राम-कथा की जो अवधारणा की, वह स्वयं में अनेक दृष्टियों से भारतीय समाज और साहित्य दोनों के इतिहास में उत्कृष्ट और अद्भुत रचनाशीलता का प्रतिमान सिद्ध हुई ...
गांधीजी के शब्दों में ‘जिस भाग में मुङो काम करना पड़ा है, कोलकाता से लेकर लाहौर तक, कुमाऊं के पहाड़ों से नर्मदा तक, अफगानों, मराठों, राजपूतों, जाटों, सिखों, और उन प्रदेशों के सभी कबीलों में जहां मैंने यात्ना की है। ...
इस समय भारत की नई शिक्षा नीति के मसौदे को लेकर चर्चाओं के दौर चल रहे हैं. सरकार ने नीति के बारे में सबसे सुझाव मांगे हैं ताकि उसे एक मुकम्मल रूप दिया जा सके. शिक्षा के लिए बजट प्रावधान में भी सरकार ने पिछले साल की तुलना में थोड़ा इजाफा किया है जिससे ...
यह भी बेहद गौरतलब है कि आज के युग का जो माहौल बन रहा है उसमें बहुतों को मौन, उपवास, इंद्रिय-निग्रह, पंच महाभूतों (पृथ्वी, जल, वायु, अग्नि, आकाश) का आदर, ईश-प्रार्थना, ब्रrाचर्य, अहिंसा, करुणा, त्याग, सत्याग्रह, अपरिग्रह (जरूरत भर की चीजों को रखना), अ ...
भारत के लगभग सभी महानगर पेयजल के अभाव के भीषण संकट से जूझ रहे हैं. जल प्रबंधन की कोई कारगर नीति नहीं अपनाई गई है. वर्षा का जल भी हम सुरक्षित नहीं कर पा रहे हैं. ...