प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फिलीस्तीन के बाद शनिवार को संयुक्त अरब अमीरात (UAE) पहुंचे। रविवार को अपने दिन की शुरुआत उन्होंने राजधानी अबू धाबी स्थित वॉर मेमोरियल वाहत अल करमा में शहीदों को श्रृद्धांजलि से की। इसके बाद पीएम नरेंद्र मोदी अबू धाबी के पहले हिंदू मंदिर की आधारशिला रखने पहुंचे। उन्होंने दुबई में बोचासंवासी श्री अक्षरधाम पुरषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) मंदिर प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी।
मंदिर की आधारशिला रखते हुए अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम भारत को ग्लोबल बेंच मार्क की बराबरी में लाना चाहते हैं। हम किसी को साथ लेते हुए दुनिया की नई ऊंचाइयों को प्राप्त करना है। तभी सच्चे अर्थों में वसुधैव कुटुंबम जीकर दिखा सकते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले चार सालों में हमने लोगों की सोच बदलने का काम किया है। ईज ऑफ डूइंग की रैंकिंग में भारत ने 42 स्थान की छलांग लगाई है। पीएम मोदी ने कहा कि 21वीं सदी एशिया की सदी है और भारत अपने दायित्व उठाने को तैयार है।
रविवार को पीएम मोदी दुबाई स्थित ओपेरा हाउस में भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करेंगे। इसके लिए लोग अभी से जुटने शुरू हो गए हैं। बता दें कि यहां भारतीय मूल के 30 लाख लोग रहते हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया, 'दुबई-अबू धाबी राजमार्ग पर बनने वाला यह अबू धाबी का पहला पत्थर से निर्मित मंदिर होगा।'
बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था के प्रमुख प्रवक्ता साधु ब्रह्मविहारी दास ने कहा, 'अबू धाबी के युवराज एवं संयुक्त अरब अमीरात सेना के डिप्टी सुप्रीम कमांडर शेख मोहम्मद बिन जाएद अल नहयान द्वारा मंदिर की सौगात 'विश्व को एक कड़ा और शांत संदेश है कि सांस्कृतिक और धार्मिक समावेश से वैश्विक सौहार्द के लिए आगे बढ़ा जा सकता है।' संस्था के एक सदस्य ने खालीज टाइम्स को बताया कि यह नई दिल्ली में बीएपीएस मंदिर और न्यू जर्सी में बन रहे मंदिर की तरह ही होगा।
अबू धाबी पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वहां के युवराज मोहम्मद बिन जायद-अल नाह्यान से मुलाकात की। इस द्विपक्षीय वार्ता में कई मुद्दों पर व्यापक बातचीत की गई। पीएम मोदी आज दुबई के ओपेरा हाउस में वर्ल्ड गवर्नमेंट समिट को संबोधित करेंगे। इसमें दुनिया भर के 140 से ज्यादा देश हिस्सा ले रहे हैं जिसमें भारत को विशिष्ट अतिथि बनाया गया है।
पीएम मोदी के यहां आगमन से पूर्व ही यूएई में बुर्ज खलीफा, दुबई फ्रेम, एडनोक इमारत और एमिरट्स पेलेस को भारतीय तिरंगे के रंग में रंग दिया गया है। यह 34 सालों बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री का यूएई दौरा था। यहां करीब 30 लाख भारतीय प्रवासी रहते हैं।
भारत को कच्चे तेल का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता यूएई 10वां सबसे बड़ा निवेशक भी है। यूएई ने भारत में करीब आठ अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) किया है। वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान भारत-यूएई कारोबार करीब 32 अरब डॉलर का था। भारत, यूएई का सबसे बड़ा कारोबारी सहयोगी है, जबकि यूएई भारत का चौथा सबसे बड़ा कारोबारी सहयोगी है।