लाइव न्यूज़ :

विदेश सेवा के अधिकारियों पर टिप्पणी कर आलोचनाओं से घिरे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान

By भाषा | Updated: May 7, 2021 14:46 IST

Open in App

इस्लामाबाद, सात मई पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान देश की विदेश सेवा के अधिकारियों को ‘औपिनिवेशिक मानिसकता से ग्रस्त’ और ‘निष्ठुर’ बताकर और भारतीय समकक्षों की प्रशंसा कर आलोचनाओं से घिर गए हैं।

इमरान खान ने बुधवार को राजदूतों को ऑनलाइन संबोधित करते हुए विदेश में मौजूद पाकिस्तानी राजनयिकों द्वारा पाकिस्तनी नागरिकों के प्रति कथित ‘स्तब्ध करने वाली निष्ठुरता’ दिखाने पर नाराजगी जताई।

उन्होंने आरोप लगाया कि पाकिस्तानी नागरिकों के साथ व्यवहार करने में वे (राजनयिक) ‘औपनिवेशिक मानसिकता’ के साथ काम करते हैं।

खान ने कहा, ‘‘भारतीय दूतावास अपने देश में निवेश लाने के लिए अधिक सक्रिय हैं और वे अपने नागरिकों को भी बेहतर सेवाएं दे रहे हैं।’’

खान के इस बयान की कम से कम तीन पूर्व विदेश सचिवों ने तीखी आलोचना की है।

पाकिस्तान के इतिहास में पहली महिला विदेश सचिव तहमीना जंजुआ ने ट्वीट किया, ‘‘विदेश मंत्रालय की इस अवांछित आलोचना से बहुत निराश हूं।’’

उन्होंने कहा कि खान की यह टिप्पणी उनकी विदेश सेवा के प्रति समझ की कमी को इंगित करता है।

पूर्व विदेश सचिव सलमान बशीर भी पाकिस्तान की विदेश सेवा के बचाव में उतर आए हैं।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ सम्मान के साथ मान्यवर, विदेश मंत्रालय और राजदूतों के प्रति आपकी नाराजगी और आलोचना को गलत समझा जाता है। सामान्य तौर पर समुदाय की सेवा अन्य विभागों में निहित है जो पासपोर्ट और राजनयिक सत्यापन आदि का काम देखते हैं। हां, मिशन को अपने दरवाजे खुले रखने चाहिए।’’

बशीर ने कहा कि पाकिस्तान विदेश सेवा और विदेश कार्यालय ने वह किया जो करना चाहिए और वह प्रोत्साहन और समर्थन का हकदार है।

बशीर खासतौर पर खान द्वारा भारतीय राजनयिकों की प्रशंसा किए जाने से नाराज हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय मीडिया प्रधानमंत्री द्वारा पाकिस्तान की विदेश सेवा की आलोचना और भारतीय विदेश सेवा की प्रशंसा से प्रसन्न है। यह क्या तुलना है!’’

एक अन्य पूर्व विदेश सचिव जलील अब्बास जिलानी ने भी खान की आलोचना में सुर से सुर मिलाया।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ माननीय प्रधानमंत्री जी, उम्मीद करता हूं कि आपको मिशन के काम करने की सही जानकारी दी जाएगी। डिग्री, विवाह प्रमाण पत्र, लाइसेंस आदि के सत्यापन के लिए उच्च शिक्षा आयोग, आंतरिक एवं प्रांतीय सरकारों को सत्यापित करने के लिए भेजा जाता है। आपको समय से जवाब नहीं मिलता, इसलिए देरी होती है। राजदूतों को जिम्मेदार ठहराना गलत है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

क्रिकेटटी20 विश्व कप से बाहर, क्यों छीनी गई वनडे टीम की कप्तानी?, इस खिलाड़ी के साथ खेलेंगे शुभमन गिल?

भारतगोवा जिला पंचायत चुनावः 50 में से 30 से अधिक सीट पर जीते भाजपा-एमजीपी, कांग्रेस 10, आम आदमी पार्टी तथा रिवोल्यूश्नरी गोअन्स पार्टी को 1-1 सीट

क्राइम अलर्टप्रेमी गौरव के साथ अवैध संबंध, पति राहुल ने देखा?, पत्नी रूबी ने प्रेमी के साथ मिलकर हथौड़े-लोहे की छड़ से हत्‍या कर ग्राइंडर से शव टुकड़े कर फेंका, सिर, हाथ और पैर गायब

भारतलोनावला नगर परिषदः सड़क किनारे फल बेचने वालीं भाग्यश्री जगताप ने मारी बाजी, बीजेपी प्रत्याशी को 608 वोट से हराया

पूजा पाठसूर्य ग्रह हर किसी की आत्मा है

विश्व अधिक खबरें

विश्व'हमने अल्लाह की मदद आते हुए देखी': भारत-पाक संघर्ष पर पाकिस्तान सेना प्रमुख आसिम मुनीर

विश्वबांग्लादेश में दीपू चंद्र दास लिंचिंग मामले में आया चौंकाने वाला मोड़, ईशनिंदा के कोई सबूत नहीं

विश्वBangladesh Political Crisis: उस्मान हादी की हत्या के बाद, जातीय श्रमिक शक्ति नेता मोतालेब शिकदर को सिर पर मारी गई गोली

विश्व34 लोगों को ले जा रही बस टोल रोड पर नियंत्रण खो बैठी और कंक्रीट से टकराने के बाद पलटी, 16 की मौत, 5 की हालत गंभीर और 13 नाजुक

विश्वकौन थे अभिनेता जेम्स रैनसन?, 'द वायर' में जिगी सोबोटका की भूमिका निभाने वाले अभिनेता ने 46 साल में की आत्महत्या