इस्लामाबाद: पाकिस्तान में बेलगाम महंगाई का असर पाकिस्तान की सेना पर भी अब खुलकर नजर आने लगा है। आलम ये है कि सेना के मेस में खाने की कमी हो रही है। पाकिस्तानी फौज के सैनिक दो समय का भोजन भी ठीक से नहीं कर पा रहे हैं। बढ़ती महंगाई के बीच पहले ही मेस में खानपान की चीजों को लेकर कटौती की गई थी लेकिन अब हालात और बुरे हो रहे हैं।
न्यूज 18 की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि एक शीर्ष सैन्य सूत्र के अनुसार बढ़ती महंगाई पाकिस्तानी सेना को काफी प्रभावित करने लगी है। जनरल हेडक्वार्टर, रावलपिंडी में क्वार्टर मास्टर जनरल (QMG) के कार्यालय में फील्ड कमांडरों के कुछ पत्र मिले हैं, जिनमें चरमराती अर्थव्यवस्था के बीच सेना के सभी मेस में सैनिकों के लिए खाद्य आपूर्ति में कटौती का जिक्र किया गया है।
क्यूएमजी ने पाकिस्तानी सेना में लॉजिस्टिक स्टाफ के प्रमुख (सीएलएस) और महानिदेशक सैन्य संचालन (डीजी एमओ) के साथ खाद्य आपूर्ति और रसद के मुद्दों पर चर्चा की है। शीर्ष सैन्य कमांडरों- क्यूएमजी, सीएलएस और डीजी एमओ ने सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के साथ भी खाद्य आपूर्ति के मुद्दों के बारे में बात की है। साथ ही सेना प्रमुख को इन अधिकारियों ने देश में सुरक्षा स्थिति और चल रहे सैन्य अभियानों के बारे में भी जानकारी दी।
'पाकिस्तानी सेना को ठीक से दो वक्त का खान भी नहीं मिल रहा'
सूत्र ने कहा कि बढ़ती महंगाई और विशेष फंड में कटौती के बीच फौज अपने सैनिकों को 'दो बार ठीक से' खिलाने में भी सक्षम नहीं है। सूत्र ने कहा, 'हमने पहले ही सैनिकों के भोजन वाले फंड में कटौती कर दी है, जिसे 2014 में ऑपरेशन जर्ब-ए-अज्ब के दौरान जनरल राहील शरीफ ने दोगुना कर दिया था।'
बता दें कि अफगान सीमा पर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के बढ़ते हमलों के बीच पाकिस्तानी सेना और उसके अर्धसैनिक बल कई अभियानों में अभी लगे हुए हैं। डीजी मिलिट्री ऑपरेशंस ने कहा कि सेना 'रसद और आपूर्ति में अधिक कटौती करने की स्थिति में नहीं है' क्योंकि इससे ऑपरेशन रोकने पड़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि सैनिकों को अधिक भोजन और स्पेशल फंड की आवश्यकता है।
रिपोर्ट के अनुसार सेना प्रमुख मुनीर ने क्यूएमजी, सीएलएस और डीजी एमओ को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि सेना के लिए तत्काल आधार पर खाद्य आपूर्ति और रक्षा मंत्रालय से धन सहित सभी मांगों को पूरा किया जाए।
पाकिस्तान का रक्षा बजट कुल खर्च का 17.5 प्रतिशत
पाकिस्तान के बजट 2022-23 के अनुसार रक्षा व्यय के लिए 1.52 ट्रिलियन रुपये (लगभग 7.5 बिलियन डॉलर) आवंटित किए गए हैं। यह उसके कुल मौजूदा खर्च का 17.5% है, और पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 11.16% अधिक है। पाकिस्तानी सेना औसतन प्रति सैनिक 13,400 डॉलर (11 लाख से ज्यादा, भारतीय रुपये में) सालाना खर्च करती है।
यह उल्लेख भी जरूरी है कि पाकिस्तान में सेना थिएटर से लेकर रियल एस्टेट तक लगभग सभी क्षेत्रों में अपनी नागरिक वित्तीय परियोजनाओं का एक बड़े हिस्सा नियंत्रित करती है। पाकिस्तानी सेना के जनरलों द्वारा चलाए जा रहे सैन्य कमर्शियल प्रोजेक्ट लगभग 26.5 बिलियन डॉलर के हैं।