यरूशलम, 16 नवंबर (एपी) संयुक्त राष्ट्र के पश्चिम एशिया मामलों के राजदूत ने सोमवार को कहा कि पूर्वी यरूशलम में एक यहूदी बस्ती में निर्माण का विस्तार करने के इजराइल के निर्णय से वह ‘‘काफी चिंतित’’ हैं और इस कदम से फलस्तीन राष्ट्र की स्थापना में कठिनाई आएगी।
इस पहल से अमेरिका का आगामी प्रशासन खफा हो सकता है जो बस्तियों के विस्तार का विरोधी है और जो द्विराष्ट्र समाधान को लेकर वार्ता के फिर से शुरू होने की उम्मीद करता है।
इजराइल के बस्ती विरोधी समूह ‘पीस नाउ’ के अनुसार इजराइल भूमि प्राधिकरण ने रविवार को अपनी वेबसाइट पर घोषणा की कि उसने गीवट हैमाटोस बस्ती में 1,200 से अधिक नए घरों के लिए निविदा प्रक्रिया की शुरुआत की है।
पश्चिम एशिया शांति प्रक्रिया मामलों के संयुक्त राष्ट्र के राजदूत निकोलाय म्लादेनोव ने बयान जारी कर कहा, ‘‘अगर यह (बस्ती विस्तार) होता है तो इससे वेस्ट बैंक में यरूशलम और बेथलहम के बीच बस्तियों की कड़ी को मजबूती मिलेगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इससे फलस्तीन देश के गठन और 1967 के समझौते के आधार पर द्विराष्ट्र समाधान समझौते की संभावना को नुकसान पहुंचेगा, जिसमें दोनों देशों की राजधानी यरूशलम को बनाने की बात कही गई है। अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत बस्तियों का निर्माण अवैध है और मैं अधिकारियों से अपील करता हूं कि इस कदम को वापस लिया जाए।
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