नई दिल्ली: इजरायल ने बीते दिनों गाजा शहर के पास एक शरणार्थी शिविर पर लगातार किए गए हवाई हमलों की जिम्मेदारी ली है। इजरायल की मानें तो 50 फिलिस्तीनी इस बमबारी में मारे गए हैं। वहीं, इजरायल की ओर से जारी दूसरे बयान में कहा गया कि हमले में एक वरिष्ठ नेता और एक घर में बनाए गए कमांड सेंटर को निशाना बनाया गया था। इसके अलावा सुरंग नेटवर्क को भी निशाना बनाया गया।
इजरायली हमले के बाद तस्वीरों और वीडियो में जबालिया शरणार्थी शिविर पर हुए हमलों के बाद काफी खौफनाक मंजर देखने को मिला। यहां निवासियों ने ढही हुई इमारतों के नीचे जीवित बचे लोगों का पता लगाने के लिए बड़े गड्ढों और मलबे में खुदाई की। इस बीच आज एक बार फिर गाजा में इंटरनेट और संचार सेवाएं काट दी गई हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी दी है कि गाजा में भीड़भाड़, बड़े पैमाने पर लोगों ने विस्थापन किया है। इसके अलावा पानी और स्वच्छता के बुनियादी ढांचे को भी नुकसान पहुंच रहा है। डब्ल्यूएचओ के प्रवक्ता क्रिश्चियन लिंडमियर ने नागरिकों की मौत के खतरे की चेतावनी दी, जो सीधे तौर पर इजरायली बमबारी से जुड़ा नहीं है।
अब तक इतने फिलिस्तीन और इजरायली नागरिक हो चुकी मृत्यु-
इजरायल के द्वारा हमले में अब तक 8,525 फिलिस्तीनी नागरिक मारे जा चुके हैं, जबकि 1400 इजरायली नागरिक की मृत्यु हुई। इजरायली प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने मंगलवार को युद्धविराम के आह्वान को खारिज कर दिया। इस बीच, इजरायली सेना ने 7 अक्टूबर को हमास की क्रूर घुसपैठ के बाद गाजा में ले जाए गए 240 बंधकों में से एक को बचा लिया है। बीते हफ्ते से चले आ रहे युद्ध में इजरायल द्वारा यह पहला रैस्क्यू है है।