एलन मस्क का दावा- ईवीएम को AI से हैक किया जा सकता है, EVM से चुनाव को खत्म करने की सलाह दी
By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: June 16, 2024 10:29 IST2024-06-16T10:26:51+5:302024-06-16T10:29:04+5:30
टेस्ला प्रमुख प्यूर्टो रिको के प्राथमिक चुनावों के दौरान ईवीएम में कथित तौर पर पाई गई अनियमितताओं पर प्रतिक्रिया दे रहे थे। कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ईवीएम में सैकड़ों अनियमितताएं थीं और कई गड़बड़ियां सामने आईं।

अरबपति एलन मस्क (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को लेकर अरबपति एलन मस्क ने एक चौंकाने वाला दावा किया है। मस्क ने सलाह दी है कि ईवीएम को खत्म कर देना चाहिए क्योंकि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) या इंसानों द्वारा इसे हैक किया जा सकता है।
एलन मस्क ने एक्स पर लिखा, "हमें इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को खत्म कर देना चाहिए। इंसानों या एआई द्वारा हैक किए जाने का जोखिम, हालांकि छोटा है, फिर भी बहुत अधिक है।" मस्क के पोस्ट के बाद एक बार फिर से इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन को लेकर बहस छिड़ गई है। भारत में तो लंबे समय से विपक्षी पार्टियां ईवीएम पर सवालिया निशान उठा रही हैं।
We should eliminate electronic voting machines. The risk of being hacked by humans or AI, while small, is still too high. https://t.co/PHzJsoXpLh
— Elon Musk (@elonmusk) June 15, 2024
टेस्ला प्रमुख प्यूर्टो रिको के प्राथमिक चुनावों के दौरान ईवीएम में कथित तौर पर पाई गई अनियमितताओं पर प्रतिक्रिया दे रहे थे। कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ईवीएम में सैकड़ों अनियमितताएं थीं और कई गड़बड़ियां सामने आईं।
भारत में ईवीएम के इस्तेमाल को लेकर राजनीति भी होती रही है। हालांकि हर बार चुनाव आयोग ने किसी भी तरह की धांधली को नकारा है। मतदान के आंकड़ों में हेराफेरी किए जा सकने के तर्क को खारिज करते हुए निर्वाचन आयोग (ईसी) का कहना है कि एक बार फॉर्म 17 सी उम्मीदवारों को सौंप दिया जाता है और ईवीएम को स्ट्रॉन्ग रूम में जमा किया जाता है तो आंकड़ों के साथ छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है। फॉर्म 17सी में हरेक मतदान केंद्र पर डाले गए मतों का रिकॉर्ड होता है और यह उम्मीदवारों या उनके एजेंटों को तब दिया जाता है जब ईवीएम को स्ट्रॉन्ग रूम में ले जाने से पहले सील कर दिया जाता है। फॉर्म 17सी में हर बूथ पर कुल मतदान का आंकड़ा दर्ज होता है।
हालांकि राज्य सभा कपिल सिब्बल की मांग है कि उच्चतम न्यायालय निर्वाचन आयोग को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) के ‘लॉग’ को कम से कम दो से तीन साल तक सुरक्षित रखने और मतगणना से पहले प्रत्येक चरण के मतदान के रिकॉर्ड की घोषणा करने का निर्देश दिया जाए ताकि कोई भी सदस्य ‘गैरकानूनी ढंग से’ न चुना जा सके। पूर्व केंद्रीय मंत्री का कहना है कि हर मशीन में एक ऑपरेटिंग सिस्टम होता है जो इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में भी है। ईवीएम के इस लॉग को सुरक्षित रखा जाना चाहिए। यह हमें बताएगा कि मतदान किस समय समाप्त हुआ और कितने वोट अवैध थे। यह हमें बताएगा कि किस समय मतदान हुआ, वोट डाले गए। इसलिए, यह सबूत है जिसे सुरक्षित रखा जाना चाहिए।